तीनों मोर्चों पर तैयार भारत: जमीन, आसमान या समंदर... पाकिस्तान पर कहां गिरेगी तबाही?
समय जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, पाकिस्तान की बेचैनी भी तेजी से बढ़ती जा रही है. वहां की सरकार और सेना में घबराहट का माहौल है. हर गुजरता पल उनके लिए तनाव लेकर आ रहा है. भारत में हाल के घटनाक्रम यह साफ संकेत दे रहे हैं कि कुछ बड़ा कदम उठाया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी की लगातार हो रही उच्चस्तरीय बैठकों और सीमाओं पर बढ़ी सैन्य गतिविधियों ने पाकिस्तान की चिंता और बढ़ा दी है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है. देश की सैन्य और कूटनीतिक रणनीतियों से पाकिस्तान में बेचैनी चरम पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार सुरक्षा अधिकारियों से बैठक कर रहे हैं और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से ताजा हालात पर जानकारी ले रहे हैं. वहीं, सीमा पर सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है और वायुसेना ने राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के साथ युद्धाभ्यास तेज कर दिया है.
पाकिस्तान की घबराहट
पाकिस्तान की घबराहट इस कदर बढ़ गई है कि उसने अपने सैन्य अड्डों को हाई अलर्ट पर डाल दिया है और सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. पाकिस्तानी नेतृत्व को आशंका है कि भारत किसी भी समय बड़ा हमला कर सकता है, लेकिन हमला किस दिशा से और किस स्वरूप में होगा, इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. भारत की खुफिया कार्रवाई पहले की सर्जिकल स्ट्राइक्स की तरह बेहद गोपनीय रखी गई है.
भारतीय सेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को युद्ध के लिए तैयार कर लिया है. राफेल और सुखोई-30MKI जैसे फाइटर जेट्स को ब्रह्मोस से लैस कर एयरबेस पर तैनात किया गया है. ब्रह्मोस की रफ्तार 3500 से 3800 किमी/घंटा है और यह जल, थल और वायु – तीनों माध्यमों से हमला करने में सक्षम है. पाकिस्तान की वायुसेना के ठिकानों पर भी अलर्ट जारी किया गया है.
भारत ने बड़ी सफलता हासिल की
कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चार स्थायी सदस्य अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन देने का भरोसा दिलाया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इन सभी देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है और पाकिस्तान की करतूतों के सबूत उनके सामने पेश किए हैं. अरब देश भी भारत के पक्ष में नजर आ रहे हैं.


