सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान की बेचैनी, भारत को बार-बार लिखे पत्र
पाकिस्तान ने भारत को चार अलग-अलग पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वे सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित रखने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करे.

पाकिस्तान ने भारत को चार अलग-अलग पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित रखने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करे. इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी. पाकिस्तान इस समय गंभीर जल संकट से गुजर रहा है और यह संकट उसकी आंतरिक स्थिति को और भी अधिक अस्थिर बना रहा है.
पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि को लेकर फिर पत्र लिखा
भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी ढांचों पर कड़ी कार्रवाई की थी. इसके बावजूद पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि को लेकर फिर पत्र लिखा. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंक और सहयोग एक साथ नहीं चल सकते और खून व पानी एक साथ नहीं बह सकते.
जल शक्ति मंत्रालय को पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा द्वारा भेजे गए ये पत्र विदेश मंत्रालय को आगे भेजे गए. लेकिन भारत ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों का हवाला देते हुए साफ किया है कि जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को स्पष्ट और स्थायी रूप से बंद नहीं करता, तब तक IWT पर रोक जारी रहेगी.
22 अप्रैल को पहलगाम हमले के तुरंत बाद सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने इस निलंबन का समर्थन किया था, जो पहली बार था जब भारत ने विश्व बैंक की मध्यस्थता वाली इस संधि को रोका.
पाकिस्तानी पीएम ने वार्ता की जताई इच्छा
इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ वार्ता की इच्छा जताई है. कई पाकिस्तानी राजनेता इस जल संकट से परेशान हैं और इसे देश पर मंडराते पानी के बम की तरह देख रहे हैं. पाकिस्तान के सीनेटर अली जफर ने चेताया कि यदि यह संकट नहीं सुलझा, तो देश भुखमरी की कगार पर पहुंच सकता है.
भारत ने पहले भी इस संधि में बदलाव पर चर्चा की पहल की थी, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार उसे टाल दिया. भारत का कहना है कि यह संधि सद्भावना पर आधारित थी, लेकिन पाकिस्तान की ओर से बार-बार आतंक और संघर्ष का रास्ता अपनाया गया.


