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कैप्टन को दोषी ठहराने वाली रिपोर्ट पर भड़का पायलट संगठन, जताई गंभीर आपत्ति

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कॉकपिट रिकॉर्डिंग के हवाले से दावा किया गया है कि एयर इंडिया विमान के कैप्टन ने इंजन में ईंधन का प्रवाह रोक दिया था. सरकार ने मामले की जांच जारी रहने की बात कही है और जनता से जल्दबाज़ी में निष्कर्ष न निकालने की अपील की है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

हाल ही में एयर इंडिया की एक गंभीर विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसने विमानन क्षेत्र में बड़े स्तर पर चिंता और विवाद पैदा कर दिया है. इस रिपोर्ट में पायलटों को दुर्घटना के लिए दोषी ठहराया गया है, खासकर कैप्टन द्वारा इंजनों में ईंधन का प्रवाह अचानक रोक दिए जाने के कारण. इस बात की पुष्टि अमेरिकी अधिकारियों की एक ताजा रिपोर्ट ने भी की है, जिसमें कॉकपिट की ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग के हवाले से बताया गया है कि कैप्टन ने ईंधन नियंत्रण स्विच “रन” से “कटऑफ” स्थिति में बदल दिया था.

वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने जांच दल में शामिल अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग से साफ पता चला है कि कैप्टन ने ईंधन नियंत्रण स्विच बंद कर दिए थे. इस दुर्घटना में उड़ान संख्या एआई 171 का संचालन कर रहे थे कैप्टन सुमीत सभरवाल, जिनके पास 15,638 घंटे का उड़ान अनुभव था. उनके साथ फ्लाइट में प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास 3,403 घंटे का अनुभव था.

पायलट संगठन ने अमेरिकी रिपोर्ट को किया खारिज

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद प्रथम अधिकारी ने कैप्टन से पूछा कि उन्होंने ईंधन स्विच को “रन” से “कटऑफ” स्थिति में क्यों बदला. इस बात को सुनकर प्रथम अधिकारी घबराए हुए नजर आए, लेकिन कैप्टन पूरी तरह से शांत बने रहे.

अमेरिकी रिपोर्ट से असहमत पायलट संगठन

यह हादसा अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन से टकराने के कुछ सेकंड बाद हुआ. इस दुर्घटना में 260 लोग मारे गए, जिनमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे, जबकि 19 लोग ज़मीन पर थे. यह विमान लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, लेकिन घटना ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया.

कैप्टन पर फोकस को लेकर पायलट संगठन नाराज़

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की जारी प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान भरने के महज एक सेकंड के भीतर “रन” से “कटऑफ” स्थिति में चले गए. इस तकनीकी गलती या किसी मानवीय त्रुटि के कारण विमान ने नियंत्रण खो दिया और दुर्घटना हो गई.

ब्लैक बॉक्स के आधार पर निर्णय जल्दबाज़ी

पायलटों के एक संगठन ने इस रिपोर्ट पर गहरा चिंता जताई है, क्योंकि पायलटों को दोषी ठहराना उनके पेशे और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़ा कर सकता है. संगठन ने कहा है कि पूरी जांच और निष्पक्ष जांच प्रक्रिया के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए. यह घटना भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम और बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करती है.

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17 July 2025, 11:29 AM IST

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