कश्मीर के विकास की नई रफ्तार: चेनाब पुल और वंदे भारत ट्रेन सेवा का शुभारंभ
पीएम मोदी तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर जाएंगे. यहां वे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चेनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर जाएंगे, जहां वे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चेनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन सेवा की शुरुआत होगी. यह कदम न केवल इंजीनियरिंग की दृष्टि से अद्भुत है, बल्कि कश्मीर में पर्यटन और व्यापार की संभावनाओं को भी नया आयाम देने वाला साबित हो सकता है.
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने क्षेत्र में भय और अस्थिरता का माहौल बना दिया था. ऐसे समय में यह प्रोजेक्ट उम्मीद की किरण बनकर आया है, जो पर्यटन को पुनर्जीवित करने और स्थानीय लोगों के लिए अवसर बढ़ाने में मदद करेगा.
चेनाब ब्रिज: इंजीनियरिंग का चमत्कार
359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चेनाब ब्रिज को उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत बनाया गया है. इस पुल की ऊंचाई एफिल टॉवर से भी 35 मीटर अधिक है और इसे पूरा होने में दो दशक से ज़्यादा समय लगा है. 1.31 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण में लगभग 28,660 मेगाटन स्टील का उपयोग हुआ है और इसकी लागत 1,486 करोड़ रुपये आंकी गई है.
इस पुल का निर्माण भूगर्भीय और जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए एक बड़ी चुनौती थी. इसे 266 किमी/घंटा की हवा और तीव्र भूकंप को सहने की क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है. खास बात यह है कि अगर कोई खंभा भी क्षतिग्रस्त हो जाए, तब भी ट्रेनों की आवाजाही कम गति से संभव बनी रहेगी.
रेलवे नेटवर्क और रणनीतिक महत्व
चेनाब ब्रिज उस रेलवे लिंक का हिस्सा है जो जम्मू से कश्मीर को जोड़ता है और देश के सबसे कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में से एक से होकर गुजरता है. यह 272 किलोमीटर लंबी परियोजना भारत की सबसे जटिल और रणनीतिक रेल योजनाओं में गिनी जाती है. इसमें 943 पुल और 36 सुरंगें शामिल हैं, जिनमें से एक सुरंग टी-50 12.77 किलोमीटर लंबी है और देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग है.
इस परियोजना का लक्ष्य सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि कश्मीर घाटी में साल भर आवागमन और आपूर्ति बनाए रखना भी है. इससे व्यापार, विशेषकर सेब उत्पादकों को बड़ा लाभ होगा जो अब अपनी उपज को जल्द और सुरक्षित रूप से दिल्ली जैसे शहरों तक पहुंचा सकेंगे.
आतंक के विरुद्ध विकास का संदेश
19 अप्रैल को प्रधानमंत्री का यह दौरा पहले तय था, लेकिन पहलगाम में आतंकी हमले के चलते इसे टालना पड़ा. इसके बावजूद सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंक की परछाई विकास के इरादों को नहीं रोक सकती. उद्घाटन के दो महीने के भीतर इसे क्रियान्वित कर देना यही दर्शाता है.
उम्मीदों की रेलगाड़ी
कश्मीर के लिए बनाई गई विशेष वंदे भारत ट्रेन में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है. इसमें शीतकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए हीटिंग सिस्टम और सेफ्टी फीचर्स हैं, जो इसे वहां की जलवायु के अनुकूल बनाते हैं. यह पुल और ट्रेन सेवा न सिर्फ भौगोलिक दूरी कम करेगी, बल्कि यह विकास, समृद्धि और विश्वास का नया सफर भी शुरू करेगी, जो आतंक के विरुद्ध कश्मीर की नई पहचान गढ़ेगी.


