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एक राष्ट्रपति तो दूसरी प्रधानमंत्री.... भारत की दो बेटियां त्रिनिदाद में PM मोदी का करेंगी स्वागत

भारत की बेटियां अब त्रिनिदाद की सत्ता संभाले हुए हैं और उनके स्वागत को तैयार है भारत का बेटा पीएम मोदी. 180 साल पहले जहां भारतीय मजदूरों के कदम इस कैरेबियाई धरती पर पड़े थे, अब उसी भूमि पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक यात्रा पर पहुंचने वाले हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

त्रिनिदाद और टोबैगो की धरती इन दिनों भारतीय जड़ों की खुशबू से महक रही है. 3-4 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कैरेबियाई देश की ऐतिहासिक यात्रा पर जा रहे हैं, जो यहां 180 साल पहले आए भारतीय प्रवासियों की विरासत को सम्मान देने का प्रतीक है. इस दौरे के दौरान त्रिनिदाद की ‘दो बेटियां’ राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत करेंगी.

यह दौरा न केवल भारत और त्रिनिदाद के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्तों को मजबूती देगा, बल्कि व्यापार, तकनीक, शिक्षा और डिजिटल क्षेत्र में नई साझेदारियों की राह भी खोलेगा. इस यात्रा के जरिए भारत ग्लोबल साउथ में अपनी रणनीतिक स्थिति को और मज़बूत करने जा रहा है.

त्रिनिदाद की सत्ता में चमक रही हैं भारत की बेटियां

त्रिनिदाद और टोबैगो की करीब 13.6 लाख की आबादी में 40-45% लोग भारतीय मूल के हैं. यही वजह है कि यहां की सर्वोच्च दो पदों पर आज भारतीय मूल की महिलाएं विराजमान हैं—राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर. दोनों अपने भारतीय मूल को गर्व से “भारत की बेटियां” कहती हैं और पीएम मोदी की यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं.

180 साल पुराना संघर्ष अब बना है सम्मान का कारण

30 मई 1845 को जब 'फातेल रजाक' नाम का जहाज 225 भारतीय मजदूरों को लेकर त्रिनिदाद पहुंचा, तब किसी ने नहीं सोचा था कि ये प्रवासी एक दिन इस देश की राजनीति, संस्कृति और अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाएंगे. यूपी, बिहार और झारखंड से आए इन लोगों ने कठिन हालातों में अपनी संस्कृति को जिंदा रखा और आज ये समुदाय त्रिनिदाद की पहचान बन चुका है.

पीएम मोदी की ऐतिहासिक यात्रा

1999 के बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर जा रहे हैं. पीएम मोदी न केवल संसद को संबोधित करेंगे, बल्कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ उच्च स्तरीय वार्ता भी करेंगे. इसमें डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, UPI, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और खेल जैसे विषयों पर सहयोग के नए समझौते किए जाएंगे.

त्रिनिदाद बना पहला कैरेबियाई देश जिसने UPI को अपनाया

भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को अपनाने वाला त्रिनिदाद और टोबैगो पहला कैरेबियाई देश बन गया है. यह डिजिटल साझेदारी दोनों देशों के बीच तकनीकी भरोसे को दर्शाती है. इस यात्रा में UPI, स्वास्थ्य उपकरण, डिजिटल सुरक्षा और कृषि मशीनरी को लेकर कई MoU पर हस्ताक्षर की उम्मीद है.

डायस्पोरा कार्यक्रम बनेगा भावनात्मक पुल

कूवा के नेशनल साइक्लिंग वेलोड्रोम में एक भव्य भारतीय डायस्पोरा कार्यक्रम आयोजित होगा, जहां पीएम मोदी हजारों भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह आयोजन भारत और प्रवासी समुदाय के बीच भावनात्मक रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाएगा.

मोदी को मिलेगा त्रिनिदाद का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

4 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद की संसद में एक पौधरोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और उन्हें 'ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद और टोबैगो' से सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान भारत और त्रिनिदाद के बीच रिश्तों की गहराई को दर्शाता है.

सांस्कृतिक रिश्ता जो दिल से जुड़ा है

त्रिनिदाद की संस्कृति में आज भी होली, दीवाली, रामलीला, भोजपुरी गीत, योग और भारतीय नृत्य एक अहम हिस्सा हैं. यह सब दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति वहां सिर्फ जीवित नहीं है, बल्कि फली-फूली भी है.

भारत-त्रिनिदाद व्यापार को मिलेगा बूस्ट

वर्तमान में भारत और त्रिनिदाद के बीच सालाना व्यापार 300 मिलियन डॉलर से अधिक है. फार्मा, हेल्थकेयर, टेक्नोलॉजी और कृषि जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को और गहरा करने के लिए यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

ग्लोबल साउथ में भारत की भागीदारी

पीएम मोदी की यह यात्रा उनके पांच देशों के दौरे का हिस्सा है, जो भारत की ग्लोबल साउथ में रणनीतिक स्थिति को दर्शाता है. त्रिनिदाद जैसे छोटे लेकिन अहम देशों के साथ सहयोग भारत को वैश्विक मंच पर और मजबूत करेगा.

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02 July 2025, 11:47 AM IST

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