RSS के 100 साल पूरे, PM मोदी जारी करेंगे स्मारक डाक टिकट और सिक्का
100 years of RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने 100 साल पूरे कर रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर को दिल्ली में RSS के 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल स्वयंसेवकों की स्मारक डाक टिकट और शुद्ध चांदी का 100 रुपये का सिक्का जारी करेंगे.

100 years of RSS: देश की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दिल्ली में RSS के 100 साल का स्मारक डाक टिकट और विशेष सिक्का जारी करेंगे. यह डाक टिकट 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर मार्च करते RSS स्वयंसेवकों की छवि को समर्पित है.
यह ऐतिहासिक पल तब आया जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान RSS के योगदान को सराहा और परेड में शामिल होने का आग्रह किया. RSS के लिए यह एक गर्व का क्षण था और अब इसे सरकार ने स्मारक डाक टिकट और सिक्के के माध्यम से उजागर किया है.
स्मारक डाक टिकट और सिक्का
प्रधानमंत्री मोदी न केवल स्मारक डाक टिकट जारी करेंगे बल्कि RSS के पारंपरिक ‘भारत माता’ के समक्ष खड़े स्वयंसेवकों की छवि वाला शुद्ध चांदी का 100 रुपये का विशेष सिक्का भी लॉन्च करेंगे. सिक्के के रिवर्स पर भारत माता के साथ तीन स्वयंसेवक उन्हें सलामी देते दिखाई देंगे, जबकि सिक्के के फ्रंट पर अशोक स्तंभ का सिंह प्रतीक अंकित है.
स्मारक डाक टिकट में RSS द्वारा प्राकृतिक आपदाओं में किए जाने वाले राहत कार्यों को भी दर्शाया गया है. इस कार्यक्रम का शीर्षक रखा गया है मात्रभूमि की सेवा के लिए सदा समर्पित, जो संगठन की सेवा भाव को दर्शाता है.
RSS का इतिहास
RSS की स्थापना 1925 में नागपुर, महाराष्ट्र में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी. इसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी का संवर्धन करना है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, RSS एक ‘जन-नियंत्रित राष्ट्रीय पुनर्निर्माण आंदोलन’ है, जिसकी वृद्धि भारत की राष्ट्रीय गौरव की भावना और धर्म पर आधारित दृष्टि से जुड़ी हुई है.
PMO के बयान के अनुसार, “RSS का मुख्य जोर देशभक्ति और राष्ट्रीय चरित्र निर्माण पर है. यह मातृभूमि के प्रति समर्पण, अनुशासन, आत्मसंयम, साहस और वीरता को प्रेरित करता है. संघ का अंतिम लक्ष्य ‘सर्वांगीण उन्नति’ है, जिसके लिए हर स्वयंसेवक समर्पित है.”
RSS की सामाजिक और राहत गतिविधियां
पिछले एक शताब्दी में RSS ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आपदा राहत कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. संघ के स्वयंसेवक बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं में राहत और पुनर्वास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं. इसके अलावा, RSS से जुड़े विभिन्न संगठनों ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने, स्थानीय समुदायों को मजबूत करने और जनता की भागीदारी बढ़ाने में योगदान दिया है.
PMO का कहना है कि यह शताब्दी समारोह न केवल RSS की ऐतिहासिक उपलब्धियों का सम्मान करता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक यात्रा और राष्ट्रीय एकता के संदेश को भी उजागर करता है.


