भारी बारिश और बाढ़ के बाद पंजाब के स्कूलों में बढ़ा दी गई छुट्टियां, 7 सितंबर तक बंद रहेंगे सभी शैक्षणिक संस्थान
पंजाब में लगातार भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है. पहले यह बंदी 3 सितंबर तक थी, लेकिन हालात में सुधार न होने के कारण इसे बढ़ा दिया गया है.

School Closed in Punjab: उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, लेकिन सबसे भयावह स्थिति इस समय पंजाब में देखने को मिल रही है. बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण पंजाब की नदियां जैसे कि सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस वजह से राज्य के कई इलाकों में हाहाकार मच गया है और आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.
7 सितंबर तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश
पंजाब में लगातार भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है. पहले यह बंदी 3 सितंबर तक थी, लेकिन हालात में सुधार न होने के कारण इसे बढ़ा दिया गया. प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी है. सरकार ने छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है.
12 जिले गंभीर रूप से प्रभावित
पंजाब के कुल 23 में से 12 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. अभी तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, वहीं करीब 15 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं. सरकार द्वारा अब तक करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा करीब 3 लाख एकड़ खेती की जमीन पानी में डूब गई है, जिससे धान, कपास और मक्का जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं.
हालात सुधरने की कोई उम्मीद नहीं
मौसम विभाग ने पंजाब में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले कुछ दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं. जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण बाढ़ से राहत की कोई तुरंत संभावना नजर नहीं आ रही है.
कमजोर बुनियादी ढांचे ने बढ़ाई परेशानी
बाढ़ से निपटने के लिए हर साल नदी तटों की सफाई, अतिक्रमण हटाना और ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने जैसे काम किए जाते हैं. लेकिन इस बार पंजाब में इन कार्यों की कोई ठोस तैयारी नजर नहीं आई. राज्य के अधिकांश नदी किनारे और नालों की सफाई समय पर नहीं हुई, जिससे पानी का बहाव अवरुद्ध हो गया और बाढ़ की तीव्रता और बढ़ गई.


