जैन मुनि ने राहुल की तारीफ में कहा 'ये भारत बदल देगा'..., क्या देश में बढ़ रही है राहुल गांधी की लोकप्रियता...?

राहुल गांधी लगातार लोगों से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं ऐसे में सभी के मन में ये कौतूहल है कि क्या राहुल की लोकप्रियता वास्तव में बढ़ रही है या राहुल के सभी प्रयास निर्रथक हैं?

Akshay Singh
Akshay Singh

"नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं", आजकल राहुल गांधी इसी वाक्य के साथ अपनी राजनीति को आगे बढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं. अलग-अलग प्रकार से वे इस वाक्य को अपने आचरण के माध्यम से सत्य साबित करने का प्रयास कर रहे हैं. प्रख्यात जैन मुनि 'रमणीक मुनि जी महाराज' ने रविवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की. तारीफ में मुनि जी ने कहा कि राहुल को लेकर उनकी मानसिकता पहले से अब बदल चुकी है.
 
राहुल कोमल राजकुमार नहीं बल्कि स्थितप्रज्ञ व्यक्ति हैं 

रमणीक मुनि जी महाराज का एक वीडियो बाहर आया जिसे कांग्रेस ने ट्वीट किया है. वीडियो में मुनि जी कह रहे हैं कि राहुल गांधी को लेकर उनके भीतर पहले जितने भी नकारात्मक विचार थे वे अब बदल चुके हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता था कि राहुल बहुत ही कोमल सुकुमार राजकुमार हैं लेकिन उनके विचार तब बदल गए जब उन्होंने राहुल गांधी की 4000 किलोमीटर की पैदल यात्रा देखी. पैदल यात्रा के समय राहुल की तपस्या और उनकी विचारधारा से वे प्रभावित हुए. 

रमणीक मुनि जी महाराज
रमणीक मुनि जी महाराज

पदयात्रा का एक दृश्य जिसने राहुल को लेकर उनके विचार बदले, उसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा - मैं देख रहा था कि कैसे एक बूढ़ा आदमी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की ओर दौड़ता हुआ आया. जैसे ही वह करीब आया उसने गांधी के पैर के ऊपर उलटी कर दी. अगर कोई और आम आदमी होता, तो वह बिना रुके पीछे हट जाता, लेकिन गांधी वैसे ही खड़े रहे. आदमी ने और उल्टी कर दी, लेकिन राहुल नहीं हटे बल्कि उसी स्थान पर खड़े रहकर उसकी पीठ सहलाते रहे. पहली बार देखा मैंने कोई स्थितप्रज्ञ व्यक्ति. उसकी जगह हम आप होते तो पीछे हट जाते नहीं तो वहां से चले जाते. वह कितना बुद्धिमान आदमी है, वह भारत को बदल देगा।

भारत को बदल कर रख देगा ये बंदा 

'रमणीक मुनि जी महाराज' ने राहुल कि तारीफ में ये तक कह दिया कि ये बंदा किसी और फितरत, किसी और मिजाज का है, ये भारत को बदल कर रख देगा. उन्होंने कहा जिसके लिए मेरे अंदर निगेटिव मान्यता थी वो अब पॉजिटिव में बदल चुकी है. 

"राजनीतिक परिवार के वारिस फिर भी राजनीति की समझ नहीं"

राहुल गांधी एक ऐसे परिवार से हैं जिसकी पीढ़ियों ने इस देश में राजनीती की है. राहुल बचपन से ही राजनीतिक माहौल में रहे हैं लेकिन फिर भी राहुल गांधी पर ये आरोप हमेशा से लगते आए हैं कि उनमें राजनीति की समझ नहीं है. राहुल ने करीब 33 साल की उम्र में वर्ष 2004 में अपना पहला चुनाव लड़ा था. पिता की खाली पाड़ी सीट जिसे कांग्रेस का गढ़ भी कहा जाता था उत्तर प्रदेश के अमेठी से उन्होंने अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इस सीट से राहुल लगातार 2009 और 2014 में जीतते रहे. हालांकि, 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस का ये गढ़ भी ढह गया और राहुल को यहां से जाना पड़ा. 

राजनीतिक परिवार के वारिश
राजनीतिक परिवार के वारिश

कांग्रेस का डाउनफाल और राहुल ने त्यागा अध्यक्ष पद 

2004 से 2014 तक राहुल अपनी अमेठी सीट तो जीतते रहे लेकिन इस दौरान पार्टी के अंदर उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ती चली गई. राहुल को 2007 में महासचिव और यूथ कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का प्रभार दिया गया. राहुल छात्र राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

2013 में राहुल को कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया और आगे चलकर 2017 में वे पार्टी के अध्यक्ष बने. ये वो दौर था जब राहुल के निरंतर प्रयत्नों के बाद भी कांग्रेस की पर्फारमेंस गिरती ही जा रही थी. 2014 से 2017 के बीच कांग्रेस महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, असम और केरल जैसे राज्यों में चुनाव हारती चली गई. यूपी में सपा के साथ कांग्रेस को गठबंधन पर भी राहुल को ही घेरा गया. 2019 के आम चुनाव में राहुल अपनी अमेठी सीट भी नहीं बचा पाए. इस सब के बीच राहुल ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. 

पिछले तीन चुनाव  में भाजपा-कांग्रेस का वोट फीसद
पिछले तीन चुनाव में भाजपा-कांग्रेस का वोट फीसद

चुनावों से भी दूरे दिखे राहुल 

अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद राहुल गांधी अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से भी दूर नजर आए. 2019 में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखण्ड के विधानसभा चुनावों से राहुल ही दूर दिखे. 2020 के बिहार विधानसभा और 2021-22 आदि में होने वाले यूपी, उत्तराखण्ड जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव से भी राहुल दूर दिखे. इन चुनावों में जो महत्वपूर्ण बाद देखने को मिली वो ये है कि इनमें प्रियंका की सक्रियता बढ़ चुकी थी और उन्होंने कई चुनाव का नेतृत्व भी किया. 

राजनीति से दूरी बनाकर राहुल का ये कैसा प्रयोग

इन दिनों राहुल की तरफ से ऐसी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं जिनसे ऐसा लगता है कि राहुल समर्पण के भाव में हैं. गुजरात न्यायालय के आदेश के बाद संसद से अयोग्य ठहराए जाने पर उन्होंने कोई कड़ा रुख इख्त्यार नहीं किया. सरकारी आवास खाली करने के नोटिस पर भी सहजता से घर खाली कर चले गए.

हाल ही में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी खास चर्चा का विषय बनी. यात्रा ऐसे समय पर हुई जब न तो लोकसभा चुनाव थे और न ही यात्रा को टारगेट करके उन राज्यों से गुजारा गया जहां आने वाले दिनों में किसी भी प्रकार के चुनाव हो सकते थे.
 
भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी राहुल ऐसे राज्यों में जाते रहे जहां चुनाव से अभी कोई मतलब नहीं है. जन सामान्य से वे बेहद सामान्य तरीके से मिल रहे हैं. कभी ट्रक चालक के साथ, कभी किसान के साथ, कभी महिलाओं के साथ तो कभी गांव के बच्चों के साथ राहुल दिखाई पड़ रहे हैं. लोगों ने उस तस्वीर की भी खूब तारीफ की थी जिसमें वे मणिपुर के लोगों से मुलाकात करते हुए नजर आ रहे थे.

भारत जोड़ो यात्रा
भारत जोड़ो यात्रा

क्या पूरे देश में बढ़ रही है राहुल की लोकप्रियता?

राहुल गांधी लगातार लोगों से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं ऐसे में सभी के मन में ये कौतूहल है कि क्या राहुल की लोकप्रियता वास्तव में बढ़ रही है या ये सभी प्रयास निर्रथक हैं? तो जवाब ये है कि हां, राहुल गांधी को पसंद करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसा हम नहीं बल्कि NDTV और CSDS Survey कह रहे हैं. ये सर्वे कर्नाटक चुनाव के ठीक बाद किए गए थे. 10 मई से 19 मई के बीच हुए इस सर्वे में 19 राज्यों को शामिल किया गया था. 

सर्वे की मानें तो 2023 में आम चुनाव होते हैं तो कांग्रेस को अच्छा फायदा होगा. 2019 के चुनाव में कांग्रेस का वोट बैंक 19 प्रतिशत था जो कि बढ़कर अब 29 प्रतिशत हो गया है. हालांकि इस सर्वे में भाजपा का वोट प्रतिशत भी 3 फीसदी तक बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.  

भारत जोड़ो यात्रा का कमाल 

सर्वे में भरत जोड़ो यात्रा (BJY) के बाद राहुल की लोकप्रियता भी को मापा गया है. सर्वे के मुताबिक BJY के बाद राहुल गांधी की लोकप्रियता 15 प्रतिशत तक बढ़ गई. 26 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो पहले से ही उन्हें पसंद करते हैं.  

भारत जोड़ो यात्रा से बढ़ी राहुल की लोकप्रियता
भारत जोड़ो यात्रा से बढ़ी राहुल की लोकप्रियता

इस यात्रा के बाद राहुल गांधी के ट्विटर पर फॉलोवर्स का भी आंकड़ा बदल गया. यात्रा खत्म होते तक राहुल के फॉलोवर्स में करीब 24 लाख की बढ़ोतरी हो गई. पहले उनके फॉलोवर्स 21.4 Million थे जो कि 23.8 Million हो गए. हालांकि इस दौरान राहुल ने अपनी फॉलोइंग कम कर दी.  

ट्विटर पर राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता
ट्विटर पर राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता

मोदी के बाद राहुल को पीएम बनाना चाहता है देश

सर्वे में अभी भी पीएम मोदी की बादशाहत कायम है लेकिन मोदी के बाद विपक्ष के जिल नेता को लोग प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं वह हैं राहुल गांधी. पीएम मोदी को 43 फीसदी लोग दोबारा प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं जब्कि राहुल गांधी के साथ 27 प्रतिशत लोग खड़े दिखे. 34 फीसदी लोग ऐसे हैं जो मानते हैं कि वर्तमान समय में राहुल गांधी ही मोदी को टक्कर दे सकते हैं. बाकी के 66 प्रतिशत में ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल जैसे तमाम विपक्ष के नेता शामिल हैं.

मोदी के बाद राहुल देश की पहली पसंद
मोदी के बाद राहुल देश की पहली पसंद
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17 July 2023, 06:39 PM IST

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