राहुल गांधी की 40 लोगों की टीम, 4 महीने की मेहनत… और उजागर हुई ‘वोट चोरी’ की साजिश?
राहुल गांधी की 40 सदस्यीय टीम ने 4 महीने की जांच में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया, जिसमें महादेवपुरा में 1 लाख से ज्यादा संदिग्ध वोट मिलने का दावा किया गया. ‘इंडिया’ गठबंधन अब इस मुद्दे पर सड़क से संसद तक आंदोलन की तैयारी में है.

Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की 40 सदस्यीय सोशल मीडिया टीम ने देशभर में मतदाता सूची में हेरफेर कर 'वोट चोरी' का बड़ा दावा किया है. बेंगलुरु स्थित दफ्तर में 4 महीने तक चली इस गहन जांच के बाद टीम ने चौंकाने वाले आंकड़े और सबूत पेश किए हैं. राहुल गांधी का कहना है कि चुनाव आयोग अब इस तरह की गड़बड़ियों को नजरअंदाज नहीं कर सकता.
हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अपेक्षा से कम प्रदर्शन- मध्य प्रदेश में हार, तेलंगाना, कर्नाटक और बिहार में उम्मीद से कम सीटें और हरियाणा में करारी हार के बाद पार्टी को चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का संदेह हुआ. हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच महज 22,779 वोटों का अंतर, खासकर 8 सीटों पर, जिसने शक को और मजबूत किया. ईवीएम पर सबूत ना होने के कारण चुनाव आयोग ने पहले इन आरोपों को खारिज कर दिया था.
‘कुछ तो गड़बड़ है’: शिकायत से शुरू हुई जांच
बेंगलुरु सेंट्रल से कांग्रेस प्रत्याशी और अभिनेता-राजनीतिज्ञ मंसूर अली खान ने पार्टी हाईकमान को बताया कि उनकी हार संदिग्ध लगती है. सात विधानसभा क्षेत्रों- सरवग्नानगर, सी वी रमन नगर, शिवाजीनगर, शांतिनगर, गांधी नगर, राजाजीनगर और चामराजपेट में उन्हें कुल 82,000 वोटों की बढ़त थी, लेकिन महादेवपुरा में बीजेपी प्रत्याशी पी सी मोहन को 1.15 लाख वोटों की अप्रत्याशित बढ़त मिली, जिससे उनकी हार हो गई.
राहुल गांधी का ‘हर्क्यूलियन टास्क’
मंसूर अली खान की शिकायत के बाद राहुल गांधी ने 40 सदस्यीय मीडिया टीम को बेंगलुरु में जांच का जिम्मा सौंपा. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से बेंगलुरु सेंट्रल की वोटर लिस्ट की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी मांगी, लेकिन मना कर दिया गया. इसके बाद राहुल ने संसद में मामला उठाया, लेख लिखे और जनसभाओं में आवाज बुलंद की. अंततः आयोग ने हार्ड कॉपी दी, जो 20 फीट ऊंचे कागजों का ढेर था. दो महीने बाद ये लिस्ट टीम को मिली और स्कैन करने पर पता चला कि ये ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) के अनुकूल नहीं है. मजबूरन टीम ने हर पेज की फोटो खींचकर मैन्युअली डेटा तैयार किया, जो चार महीने में पूरा हुआ.
महादेवपुरा में वोट चोरी के आरोप
टीम के अनुसार, महादेवपुरा विधानसभा में कुल 1,00,250 वोट चोरी किए गए, जिनमें शामिल हैं-
-
11,965 डुप्लीकेट वोट
-
40,009 फर्जी पते वाले वोट
-
10,452 वोट एक ही पते पर दर्ज
-
4,132 वोट बिना फोटो के
-
33,692 वोट फर्जी तरीके से फॉर्म-6 के जरिए जोड़े गए
इनमें से कई 'नए वोटरों' की उम्र 70, 85 और यहां तक कि 95 साल तक पाई गई.
‘इंडिया’ गठबंधन अब इस मामले को सड़क से संसद तक ले जाने की तैयारी कर रहा है. शुक्रवार को कर्नाटक चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च होगा. सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय तक पैदल मार्च होगा. 10 सितंबर से पटना में आरजेडी की पदयात्रा शुरू होगी, जिसका समापन 24 सितंबर को रैली के साथ होगा. वहां विपक्ष संयुक्त रूप से कथित वोट चोरी के खिलाफ ऐलान करेगा.


