'जितना मारना-तोड़ना है...', पटना हिंसा के बाद राहुल गांधी ने BJP पर साधा निशाना, कहा- सच की जीत होगी
पटना में कांग्रेस कार्यालय के बाहर भाजपा विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प हुई, जिसे राहुल गांधी ने सत्य और अहिंसा के खिलाफ बताया.

Rahul Gandhi : बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस कार्यालय के बाहर शुक्रवार को हिंसक झड़प हुई, जिसकी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि सत्य और अहिंसा के आगे असत्य और हिंसा टिक ही नहीं सकते. मारो और तोड़ो, जितना मारना-तोड़ना है - हम सत्य और संविधान की रक्षा करते रहेंगे. सत्यमेव जयते.
दरभंगा विवाद ने बढ़ाया तनाव
दरभंगा में युवा कांग्रेस के कार्यक्रम के दौरान एक वक्ता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया. हालांकि कांग्रेस नेता मोहम्मद नौशाद ने बाद में माफी मांगी और स्पष्ट किया कि वो उस घटना के समय मौजूद नहीं थे. भाजपा ने कांग्रेस पर घृणा फैलाने का आरोप लगाया और तत्काल माफी की मांग की.
पटना में हिंसक प्रदर्शन
शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पटना स्थित कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे. मौजूद लोगों और वायरल वीडियो में देखा गया कि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई, पत्थरबाजी, झंडे फाड़ने और कांग्रेस संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी हिंसा हुई.
दरभंगा में गिरफ्तारी
दरभंगा पुलिस ने भाजपा की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की और आरोपी रफीक उर्फ राजा को गिरफ्तार किया, जो कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वाला व्यक्ति था. पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि कानूनी कार्रवाई जारी है.
टॉप नेताओं की प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस की कड़ी निंदा की. अमित शाह ने ना केवल कांग्रेस बल्कि उसके बिहार सहयोगी RJD से भी माफी की मांग की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग अत्यंत अनुचित है.
कांग्रेस का पलटवार
भाजपा की हिंसा के खिलाफ कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य मशीनरी और डराने-धमकाने की राजनीति के जरिए विपक्ष को दबाया जा रहा है. पार्टी कार्यकर्ता डॉ. अशुतोष ने कहा कि ये हिंसा सरकार की मिलीभगत से हुई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की निष्क्रियता के कारण बढ़ी.
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि भाजपा किसी भी अभियान को सहन नहीं कर सकती जो मतदाताओं को सशक्त बनाए या उनकी नीतियों पर सवाल उठाए. ये हिंसा उनके लोकतांत्रिक प्रयासों को रोकने की रणनीति का हिस्सा है.


