दो मिनट की देरी राहुल गांधी को पड़ी भारी, कांग्रेस शिविर कैंप में दी गई ये सजा
पचमढ़ी में कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर के दौरान राहुल गांधी दो मिनट देरी से पहुंचे तो उन्होंने नियम के अनुसार दस पुश-अप्स किए. संगठन सृजन अभियान के इस शिविर में अनुशासन पर विशेष जोर दिया गया.

भोपालः मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में चल रहे कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर में एक दिलचस्प घटना देखने को मिली, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी महज दो मिनट देर से पहुंचे. शिविर के नियम के अनुसार, देर होने पर प्रतिभागी को दस पुश-अप्स करने होते हैं. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक राहुल गांधी ने बिना किसी हिचकिचाहट के यह सजा स्वीकार की और तुरंत पुश-अप्स करके उदाहरण पेश किया.
यह प्रशिक्षण शिविर कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान (SSA) का हिस्सा है, जिसमें आत्मअनुशासन और संगठन निर्माण पर विशेष जोर दिया जाता है. AICC प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिन राव ने शुरुआत से ही सभी प्रतिभागियों पर समान नियम लागू किए थे, और राहुल गांधी ने भी उसी नियम का पालन किया.
अनुशासन का पालन ही कांग्रेस की पहचान
कांग्रेस के मीडिया समन्वयक अभिनव बरोलिया ने बताया कि राहुल गांधी द्वारा सजा स्वीकार करना आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि वह हमेशा संगठनात्मक अनुशासन पर जोर देते हैं. बरोलिया ने कहा कि कांग्रेस में सभी के लिए नियम समान हैं और किसी नेता को विशेष छूट नहीं दी जाती.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में लोकतंत्र है. चाहे नेता हो या कार्यकर्ता, हर किसी पर एक जैसी व्यवस्था लागू होती है. राहुल का पुश-अप्स करना यही दर्शाता है कि कांग्रेस में तानाशाही नहीं है, जैसा कि बीजेपी में देखने को मिलता है. बरोलिया के अनुसार, शिविर के बाद राहुल गांधी तुरंत बिहार चुनाव प्रचार के लिए रवाना भी हो गए.
शिविर की गोपनीयता पर सचिन राव का बयान
जब सचिन राव से शिविर में हुई अन्य गतिविधियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्हें प्रशिक्षण शिविर की आंतरिक चर्चाओं को सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं है. उन्होंने बस इतना कहा कि SSA अभियान का उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है और सभी प्रतिभागियों को अनुशासन, संवाद, और संगठनात्मक कौशल पर प्रशिक्षित किया जा रहा है.
पांच महीनों में राहुल गांधी का दूसरा दौरा
पार्टी नेताओं ने बताया कि संगठन को पुनर्गठित करने की इस पहल के तहत राहुल गांधी की यह पिछले पांच महीनों में मध्य प्रदेश की दूसरी यात्रा थी. कांग्रेस लंबे समय से मध्य प्रदेश में सत्ता से बाहर है और मिशन 2028 के तहत राज्य में फिर से सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.
सर्वप्रथम दिसंबर में बेलगावी में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया था. इसके बाद 3 जून को भोपाल से अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया गया.
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में हमारी संगठनात्मक पकड़ कमजोर हुई है. SSA के जरिए हम समाज तक पहुंच बनाकर और मजबूत संरचना तैयार कर 2028 के चुनावों में जीत का रास्ता सुनिश्चित करना चाहते हैं.
कांग्रेस में ‘समानता और अनुशासन’ का संदेश
राहुल गांधी का देर से पहुंचने पर सजा स्वीकार करना पार्टी के भीतर एक प्रतीकात्मक संदेश माना जा रहा है. इससे यह धारणा मजबूत होती है कि कांग्रेस अपने नेताओं को भी उन्हीं नियमों का पालन करने को बाध्य करती है जिनका पालन आम कार्यकर्ता करता है.


