रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर खुशखबरी दी, बताया कब तक पूरा होने की उम्मीद
जापान के सहयोग से चल रही मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भारत की एक शानदार पहल है. इस हाई-स्पीड ट्रेन के शुरू होने से मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी महज कुछ घंटों में तय हो जाएगी. यह न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करके आर्थिक विकास को भी नई रफ्तार देगी.

Mumbai Ahmedabad Bullet Train: देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जानकारी दी कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल योजना का गुजरात का काम दिसंबर 2027 तक पूर्ण हो जाएगा, जबकि महाराष्ट्र से साबरमती तक का पूरा कॉरिडोर दिसंबर 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है. यह महत्वाकांक्षी परियोजना जापान की तकनीकी और वित्तीय सहायता से निर्माणाधीन है.
508 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में कुल 12 स्टेशन होंगे, जो महाराष्ट्र, गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली से होकर गुजरेंगे. वैष्णव ने परियोजना की लागत और उसके वित्तीय ढांचे को लेकर भी अहम जानकारी दी.
गुजरात सेक्शन कब तक होगा तैयार?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, 'वापी से साबरमती के बीच बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के गुजरात का काम दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है.' वहीं पूरी परियोजना, जिसमें महाराष्ट्र से साबरमती तक का भाग शामिल है, दिसंबर 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है.' उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है ताकि समय से काम पूरे किए जा सकें.
परियोजना में अनुमानित लागत
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस हाई-स्पीड रेल परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹1,08,000 करोड़ रुपये है. इसमें से जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) कुल लागत का लगभग 81% यानी ₹88,000 करोड़ का वित्तपोषण कर रही है. शेष 19% राशि भारत सरकार और संबंधित राज्य सरकारें मिलकर वहन करेंगी. उन्होंने बताया, 'इसमें रेल मंत्रालय 50%, महाराष्ट्र सरकार 25% और गुजरात सरकार 25% हिस्सेदारी के साथ योगदान कर रहे हैं.'
बुलेट ट्रेन की योजना में स्टेशनों की संख्या
MAHSR परियोजना के तहत बुलेट ट्रेन के लिए प्रस्तावित 12 स्टेशनों की सूची इस प्रकार है. मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती. यह ट्रेन 320 KM की रफ्तार से चलेगी, जिससे मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी मात्र 2 से 3 घंटे में पूरी हो सकेगी.
भारत का पहला बुलेट ट्रेन कॉरिडोर
इस परियोजना में जापान की शिंकानसेन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिसे विश्व की सबसे विश्वसनीय और तेज़ रेल प्रणालियों में से एक माना जाता है. इससे भारत को न केवल तेज गति की ट्रेन मिलेगी, बल्कि एक अत्याधुनिक रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का अवसर भी मिलेगा.


