न बात..न मुलाकात, एक ही मंच पर राजनाथ सिंह ने PAK रक्षा मंत्री से बनाई दूरी
किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री पहली बार एक मंच पर नजर आए. इस दौरान दोनों ने न बात की और न ही मुलाकात.

चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री पहली बार एक ही मंच पर दिखे. लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत की सैन्य प्रतिक्रिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.
कोई औपचारिक अभिवादन तक नहीं
भारत की रक्षा नीति की प्रमुख प्रतिनिधि सभा में पाकिस्तान की ओर से ख्वाजा आसिफ शामिल थे, लेकिन राजनाथ सिंह ने उनसे कोई संवाद स्थापित नहीं किया. दोनों मंत्रियों का प्रवेश अलग-अलग हुआ और ग्रुप फोटो में भी उनकी दूरी स्पष्ट थी. राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव और बेलारूस के समकक्ष विक्टर ख्रेनिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से कोई औपचारिक अभिवादन तक नहीं हुआ.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री मीटिंग में लगभग अकेले नजर आए, जबकि चीनी रक्षा मंत्री डोंग जुन ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच कोई आम बातचीत न होने का यह दृश्य भारत–पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों को जाहिर करता है.
रक्षा मंत्री ने आतंकवाद पर तीखा हमला किया
इस बैठक में भारत के रक्षा मंत्री ने पाक अभियंत्रित आतंकवाद पर तीखा हमला किया. उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को नीति उपकरण कहकर इसकी निंदा की. राजनाथ सिंह ने विशेष रूप से पहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए लश्कर-ए-तैएबा एवं उसके सहयोगी टीआरएफ के पाकिस्तानी कनेक्शनों पर भी प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र कर आगे भी आतंकवाद के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की चेतावनी दी.
इसी सिलसिले में, SCO में जारी संयुक्त ड्राफ्ट स्टेटमेंट पर राजनाथ सिंह ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. यह ड्राफ्ट कथित तौर पर उन आतंकवादी घटनाओं का उल्लेख नहीं करता था जिन्हें भारत निशाना मानता है, जैसे पहलगाम हमला. इसके उलट पाकिस्तान समर्थित बलोचिस्तान हिंसा का ज़िक्र था, जिसे चीन और पाकिस्तान ने जोर देकर शामिल करवाया. राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद को लेकर डबल स्टैंडर्ड की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. ऐसे राष्ट्रों को जिम्मेदार ठहराया जाए, जो आतंकियों को संरक्षण देते हैं.
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ दिया मजबूत संदेश
चीन-पाकिस्तान ने ड्राफ्ट में पहलगाम हमले का अभाव बनाए रखा, जिससे भारत ने मिलकर कोई सामान्य घोषणा जारी नहीं की. उक्त बैठक ने स्पष्ट रूप से दर्शाया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी अपनी शून्य सहनशीलता नीति पर दृढ़ है. SCO फोरम पर इसका असर ये रहा कि किसी संयुक्त बयान की गुंजाइश समाप्त हो गई और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और मजबूत संदेश दिया.


