Republic Day 2025: प्रलय, ब्रह्मोस और पिनाका...कर्तव्य पथ पर दुनिया ने देखी भारत की सैन्य ताकत
कर्तव्य पथ पर ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, बीएम-21 अग्निबाण, 122 मिमी मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रदर्शित किया गया. कर्तव्य पर पहली बार दिखा प्रलय मिसाइल. यह दुश्मक की युद्धक क्षमता को तबाह करने में सक्षम है.

भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राजकीय समारोह में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ कर्तव्य पथ पहुंचीं और तिरंगा फहराया, इसके बाद कर्तव्य पथ पर परेड शुरू हुई. कर्तव्य पथ पर दुनिया ने भारत की सामरिक शक्ति का प्रदर्शन देखा. इस वर्ष समारोह का मुख्य विषय संविधान की 75वीं वर्षगांठ है, झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' है. परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां प्रदर्शित की गईं.
पहली बार कर्तव्य पथ पर प्रलय मिसाइल का प्रदर्शन
कर्तव्य पथ पर ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, बीएम-21 अग्निबाण, 122 मिमी मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रदर्शित किया गया. कर्तव्य पर पहली बार दिखा प्रलय मिसाइल. यह दुश्मक की युद्धक क्षमता को तबाह करने में सक्षम है. यह एवियोनिक्स और गाइडेंस सिस्टम से विकसित है. यह सतह से सतह पर मार करने वाला हथियार है. इसकी रेंज 400 किमी से ज्यादा है.
भारतीय वायुसेना ने दिखाई ताकत
भारतीय वायु सेना ने 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर फ्लाई-पास्ट प्रस्तुत किया, जिसमें 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और 7 हेलीकॉप्टर सहित कुल 40 विमान शामिल थे. भारतीय वायुसेना का फ्लाई पास्ट जमीनी कारनामों के बाद, हवाई करतबें दिखाया, जहां गर्जना से आकाश को थर्राते और गुंजाते हवाई जहाजों के रोमांचक एवं साहसिक हवाई करतबों की श्रृंखला ने लोगों को अंचभित किया. अजय फॉरमेशन इस फारमेशन में तीन अपाचे विमान विक फार्मेशन में नजर आए. सतलुज फॉरमेशन इस फॉरमेशन में 02 डॉर्नियर - 228 एसी और 01 एएन 32 एयरक्राफ्ट विक फॉरमेशन में उड़ान भरे.
उत्तर प्रदेश की झांकी में नजर आया महाकुंभ का दृश्य
कर्तव्य पथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी भी नजर आई. झांकी में बहुत समीचीन और अध्यात्म से जुड़े विषय ‘महाकुंभ 2025-स्वर्णिम भारतः विरासत और विकास' की भव्यता प्रदर्शित की गई, जिसे विश्व स्तर पर 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' में मान्यता प्राप्त है. वर्चुअल महाकुंभ में प्रतिभागिता जैसी अनुभूति भी हो रही है. यह विस्मयकारी महाकुंभ पवित्र गंगा, निर्बाध यमुना और प्रयागराज में पौराणिक सरस्वती के संगम पर आयोजित महाकुंभ की उदात्तता को प्रकाशित करता है. सबसे पहले आगे की ओर झुकी अमृत कलश की एक प्रभावशाली प्रतिकृति है और पवित्र अमृतधारा के प्रवाह का प्रतीक है. इसके चारों ओर, साधुओं और संतों को शंख बजाते, ‘आचमन' करते हुए और साधना लीन (ध्यान) दिखाया गया है, जबकि भक्त महाकुंभ के आध्यात्मिक सार को आत्मसात् करते हुए संगम के पवित्र जल में स्नान करते हैं.
झांकी में दिखाया गया समुद्र मंथन
झांकी के पार्श्व में, अखाड़ों और अमृत (शाही) स्नान के लिए तैयार भक्तों को भित्ति चित्रों और एलईडी स्क्रीन के माध्यम से दर्शाया गया है. मूल में, समुद्र मंथन की पौराणिक गाथा हमें महाकुंभ के गहन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के विषय में जानकारी देने का प्रयास है. महाकुंभ 2025 के लिए सशक्त तकनीकी और डिजिटल तैयारियों को उद्घाटित करती यह झांकी चाक-चौबंद सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के अत्याधुनिक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) को प्रदर्शित कर रही है. महाकुंभ के अवसर पर स्नान के लिए जा रहे अखाड़ों का सीधा प्रसारण, हमें भी कर्तव्य पथ पर प्रयागराज की पावन भूमि और संगम की मंत्रमुग्ध करने वाली अनुभूति प्रदान कर रहा है.


