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मोहन भागवत का बयान: सरकार और संघ के रिश्ते पर साफ़ संदेश, बदलाव और नवाचार की ज़रूरत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ का हर राज्य और केंद्र सरकार के साथ अच्छा तालमेल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यवस्था अंग्रेज़ों की परतों पर टिकी हुई है, इसलिए बदलाव और नवाचार ज़रूरी है ताकि समाज और सरकार साथ आगे बढ़ें।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

National News:  मोहन भागवत ने साफ़ कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का केंद्र और राज्य सरकारों के साथ अच्छा तालमेल है। उनका कहना था कि संघ कभी टकराव नहीं चाहता, बल्कि सहयोग और संवाद के रास्ते पर विश्वास रखता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सरकार और समाज दोनों का मक़सद जनता की भलाई है और इसी सोच से सकारात्मक बदलाव संभव हैं। भागवत ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज भी हमारी प्रणाली अंग्रेज़ों की बनाई हुई ढांचों पर चल रही है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ों ने जिस सिस्टम को शासन के लिए गढ़ा था, वही आज भी कई जगह लागू है। भागवत बोले कि इस पुराने ढांचे में बदलाव और नवाचार लाना बहुत ज़रूरी है ताकि देश की असल ज़रूरतें पूरी की जा सकें।

सत्ता को वक़्त और आज़ादी

संघ प्रमुख ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों से तुरंत सब कुछ बदलने की उम्मीद करना ग़लत है। उन्होंने कहा कि नेता चाहे पूरी नीयत से बदलाव करना भी चाहें तो हर बार तुरंत नतीजा नहीं मिलता। इसलिए सरकारों को वक़्त, स्पेस और आज़ादी देना चाहिए ताकि वे धीरे-धीरे ठोस क़दम उठा सकें।

टकराव नहीं, तालमेल से तरक़्क़ी

मोहन भागवत ने अपने संदेश में साफ़ किया कि सरकार और संघ के बीच किसी तरह का झगड़ा या टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज और सरकार अगर साथ मिलकर काम करें तो विकास की गति और तेज़ हो सकती है। विवाद की बजाय सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से जनता को बेहतर नतीजे मिलते हैं।

समाज और सरकार की भूमिका

भागवत ने समझाया कि बदलाव केवल सरकार के बूते पर नहीं होता। समाज को भी अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होती है। संस्कार, परंपरा और शिक्षा अगर साथ चलें तो देश की तस्वीर बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि संघ हमेशा इस तालमेल को मज़बूत करने के लिए काम करता है।

बदलाव और नवाचार की ज़रूरत

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत को नए दौर में आगे बढ़ाने के लिए नवाचार और सुधार बहुत ज़रूरी हैं। पुरानी परंपराओं को संभालते हुए नई सोच और तकनीक को अपनाना होगा। तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा और समाज की बुनियादी ज़रूरतें पूरी होंगी।

बेहतर भारत की तस्वीर

भागवत ने कहा कि अगर सरकार और समाज मिलकर काम करें, कानून और व्यवस्था का सम्मान करें और सकारात्मक सोच रखें, तो भारत की तसवीर और बेहतर बनेगी। उन्होंने कहा कि असली तालीम वही है जो इंसान को संस्कारी, ज़िम्मेदार और रचनात्मक बनाए। यही रास्ता समाज और शासन दोनों को मज़बूत करता है।

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28 August 2025, 06:42 PM IST

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