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PM Modi visit Japan: 7 साल बाद जापान जा रहे पीएम मोदी, एजेंडे में होंगी ये बड़ी बातें

प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा का उद्देश्य भारत-जापान संबंधों को व्यापार, निवेश, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों तक ले जाना है. क्वाड, अमेरिकी टैरिफ, सेमीकंडक्टर, स्टील, अंतरिक्ष सहयोग और 13 अरब डॉलर के 170 से अधिक एमओयू इस साझेदारी को मजबूती दे रहे हैं. यात्रा से नई परियोजनाओं के रास्ते खुलने की उम्मीद है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Narendra Modi Japan visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29-30 अगस्त को जापान की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होंगे. वे यह यात्रा जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के न्योते पर कर रहे हैं, जहां वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इस दौरे को भारत-जापान के बढ़ते व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है.

ग्रामीण भारत से टोक्यो तक फैलता सहयोग

भारत और जापान के बीच सहयोग अब सिर्फ कूटनीतिक या व्यापारिक रिश्तों तक सीमित नहीं रहा. गुजरात के इस्पात संयंत्रों से लेकर असम के बायोगैस प्रोजेक्ट्स और टोक्यो की एडवांस रिसर्च लैब्स से लेकर बेंगलुरु के AI इंजीनियरों तक, यह साझेदारी विविध क्षेत्रों में फैलती जा रही है. गांवों के किसान और मेट्रो शहरों के प्रोफेशनल्स, दोनों ही इस गठजोड़ के लाभार्थी बन रहे हैं.

निवेश और तकनीकी समझौते

पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के बीच 170 से अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिनकी कुल मूल्य लगभग 13 अरब डॉलर से अधिक है. सेमीकंडक्टर निर्माण, शिक्षा, ऊर्जा और उन्नत तकनीकों के क्षेत्र में यह सहयोग तेज़ी से बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान और भी समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना जताई जा रही है.

क्वाड और टैरिफ विवाद पर संभावित चर्चा

हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के मुद्दे के बीच भारत-जापान की यह मुलाकात क्वाड समूह की भूमिका पर भी केंद्रित रह सकती है. टोक्यो में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने कहा कि दोनों नेता भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक स्थिति पर विचार करेंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि इंडो-पैसिफिक में चीन के बढ़ते प्रभाव और अमेरिका-भारत व्यापार तनाव जैसे मुद्दे एजेंडे में शामिल हो सकते हैं.

निवेश की प्रमुख घोषणाएं

1. निप्पॉन स्टील ने गुजरात में 15 अरब रुपये और आंध्र प्रदेश में 56 अरब रुपये के निवेश के साथ अपना विस्तार किया है.

2. सुजुकी मोटर ने गुजरात में एक नए संयंत्र के लिए 350 अरब रुपये की घोषणा की है.

3. टोयोटा किर्लोस्कर ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में कुल 233 अरब रुपये की निवेश योजना बनाई है.

4. सुमितोमो रियल्टी ने रियल एस्टेट सेक्टर में 4.76 बिलियन डॉलर का निवेश किया है.

5. जेएफई स्टील ने इलेक्ट्रिकल स्टील निर्माण के लिए 445 अरब रुपये लगाए हैं.

अंतरिक्ष और विज्ञान में सहयोग

भारत-जापान साझेदारी अब अंतरिक्ष क्षेत्र में भी प्रवेश कर चुकी है. जापानी कंपनी एस्ट्रोस्केल का पहला वाणिज्यिक उपग्रह भारतीय PSLV रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया, जो दोनों देशों की तकनीकी साझेदारी का प्रतीक है. इसके अतिरिक्त, 2025 को भारत-जापान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार आदान-प्रदान वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

निवेश के नए रास्ते खुलेंगे

सिबी जॉर्ज ने कहा कि यह यात्रा भारत-जापान संबंधों की समीक्षा करने का एक बड़ा अवसर होगी. इसमें नई परियोजनाओं पर चर्चा, निवेश के नए रास्ते और युवा प्रतिभाओं के आदान-प्रदान पर जोर दिया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इस शिखर सम्मेलन से द्विपक्षीय संबंधों को और नई ऊंचाइयां मिलेंगी.

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28 August 2025, 06:04 PM IST

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