AAP का BJP पर हमला: पुरानी गाड़ियों पर रोक के पीछे कंपनियों से साठगांठ का आरोप
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा की दिल्ली सरकार पर पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध को लेकर जनता से झूठ बोलने और कार कंपनियों से मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले फैसला खुद लिया, बाद में कोर्ट और CAQM के नाम पर जनता को गुमराह किया.

आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दिल्ली की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार दिल्ली की जनता से लगातार झूठ बोल रही है और अब अपनी ही बातों में उलझ कर रह गई है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा को अब अपने एक झूठ को छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ रहे हैं.
सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया कि भाजपा सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 1 मार्च को मीडिया को बताया था कि 30 मार्च से दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल नहीं मिलेगा. लेकिन सरकार की तैयारियां अधूरी होने के कारण इस तारीख को 30 जून तक टाल दिया गया. जब जनता और यहां तक कि भाजपा समर्थकों ने इस फैसले का विरोध किया, तो सरकार ने पलट कर कहा कि यह आदेश कोर्ट और सीएक्यूएम (CAQM) का था.
पुरानी गाड़ियों पर रोक के फैसले को लेकर उठे सवाल
भारद्वाज ने इसे भाजपा सरकार का "झूठ" करार देते हुए बताया कि सीएक्यूएम की चिट्ठी 23 अप्रैल की है, जबकि भाजपा मंत्री का बयान इससे पहले 1 मार्च को आया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि फैसला पहले ही भाजपा सरकार ने लिया था, कोर्ट या सीएक्यूएम नहीं.
भाजपा का ‘डबल गेम’ – जनता के लिए कुछ और, चिट्ठियों में कुछ और
आप नेता ने भाजपा पर दोहरी बात करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा जनता से कह रही है कि पुरानी गाड़ियाँ ज्यादा प्रदूषण नहीं फैलातीं और लोगों का उनसे भावनात्मक जुड़ाव है, वहीं दूसरी ओर सीएक्यूएम को भेजी गई चिट्ठी में सरकार ने साफ तौर पर पुराने वाहनों पर प्रतिबंध का समर्थन किया है.
इतना ही नहीं, दिल्ली की भाजपा सरकार ने सिर्फ राजधानी तक ही नहीं, बल्कि गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और सोनीपत जैसे आस-पास के शहरों में भी पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल न देने और उन्हें जब्त करने का सुझाव दिया. सीएक्यूएम ने यह सुझाव स्वीकार कर लिया, और अब नवंबर से इन शहरों में भी पुरानी गाड़ियों पर रोक लागू होगी.
अब दो करोड़ लोगों पर खतरे की तलवार
भारद्वाज ने कहा कि पहले यह फैसला सिर्फ दिल्ली की 62 लाख गाड़ियों तक सीमित था, लेकिन भाजपा सरकार की सिफारिशों के कारण अब यह असर लगभग दो करोड़ वाहन मालिकों पर पड़ने जा रहा है. उन्होंने इस फैसले को जनविरोधी बताया.
भाजपा का कोर्ट जाने का दावा मात्र एक दिखावा
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर यह भी सवाल उठाया कि जब दिल्ली सरकार ने खुद लिखित रूप में सीएक्यूएम के फैसले का समर्थन किया है, तो अब वह सुप्रीम कोर्ट में जाकर इसका विरोध कैसे करेगी? उन्होंने कहा कि भाजपा केवल जनता को भ्रमित कर रही है.
फैसले के पीछे कार कंपनियों से मिलीभगत का आरोप
आम आदमी पार्टी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का यह कदम कार निर्माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है. पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने से जनता पर नई गाड़ियाँ खरीदने का दबाव पड़ेगा, जिससे कंपनियों को फायदा होगा. उन्होंने इसे भाजपा और ऑटोमोबाइल कंपनियों की साठगांठ का नतीजा बताया.
समाधान: अध्यादेश लाए केंद्र सरकार
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस समस्या का समाधान केवल केंद्र सरकार के अध्यादेश के जरिए हो सकता है, जैसा कि उन्होंने पहले दिल्ली में सेवाओं से जुड़े मामले में किया था. यदि भाजपा वास्तव में जनता के साथ है, तो उसे अध्यादेश लाकर इस फैसले को पलटना चाहिए.


