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'हमें बचा लीजिए, मोदी जी’... पाकिस्तानी नेता का मुहाजिरों के अधिकारों के लिए भारत के PM से निवेदन

पाकिस्तान के निर्वासित नेता अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि वे मुहाजिरों के उत्पीड़न का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएं. उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान में उर्दू बोलने वालों को कभी समान नागरिक अधिकार नहीं मिले और उनके साथ भेदभाव हो रहा है. क्या PM मोदी इस पर कदम उठाएंगे? जानिए पूरी कहानी....

Aprajita
Edited By: Aprajita

Pakistani Leader's Heartfelt Plea: पाकिस्तान में उर्दू बोलने वाले समुदाय, जिन्हें 'मुहाजिर' कहा जाता है, हमेशा ही उत्पीड़न का शिकार रहे हैं. खासतौर से विभाजन के समय भारत से पाकिस्तान आने वाले मुहाजिरों को पाकिस्तान में नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ा. इन परिस्थितियों में पाकिस्तान के निर्वासित नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने हाल ही में एक बड़ी अपील की है.

अल्ताफ हुसैन की PM मोदी से अपील

लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान अल्ताफ हुसैन ने पाकिस्तान में उत्पीड़ित मुहाजिरों के मुद्दे को उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई. उनका कहना था कि पाकिस्तान के भीतर मुहाजिरों के साथ किए गए भेदभाव और उत्पीड़न को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर आवाज उठाएं और मुहाजिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

पाकिस्तान में मुहाजिरों का उत्पीड़न

अल्ताफ हुसैन ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में मुहाजिरों को कभी भी पूरी तरह से नागरिक अधिकार नहीं दिए गए हैं. उनका कहना था कि पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों ने मुहाजिरों को नागरिकों के रूप में कभी स्वीकार नहीं किया. इस उत्पीड़न में अब तक 25,000 से ज्यादा मुहाजिरों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग लापता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार ने कभी भी मुहाजिरों के अधिकारों का सम्मान नहीं किया और उन्हें हमेशा नजरअंदाज किया.

अल्ताफ हुसैन का कहना है कि मुहाजिरों की आवाज दबाई जा रही है

अल्ताफ ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और गंभीर आरोप लगाया है कि वहां की सरकार मुहाजिरों की आवाज़ दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने एक कार्यक्रम में उनका और MQM का नाम भारत के एजेंट के तौर पर घुमाया, जिससे उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश की गई.

अल्ताफ ने मोदी से अपील की कि वे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से मुहाजिरों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें और उनके खिलाफ हो रहे अन्याय को रोकने की कोशिश करें.

पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठी आवाज

प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका इस समय अहम हो गई है क्योंकि पाकिस्तान में मुहाजिरों के लिए संघर्ष जारी है. यह अपील न सिर्फ पाकिस्तान के लिए चुनौती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुहाजिरों के अधिकारों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है.

अल्ताफ हुसैन की यह अपील शायद पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ एक नई लड़ाई की शुरुआत हो सकती है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी शामिल किया जाएगा. उनके मुताबिक, मुहाजिरों को न्याय दिलाने के लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना होगा.

क्यों अहम है यह अपील?

यह मामला केवल पाकिस्तान और मुहाजिरों के संघर्ष तक सीमित नहीं है. यह एक गंभीर मानवीय अधिकारों का मुद्दा है, जिसे वैश्विक स्तर पर उठाने की आवश्यकता है. अल्ताफ हुसैन की यह अपील दुनिया भर के नेताओं और मानवाधिकार संगठनों के लिए एक संकेत हो सकती है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और पाकिस्तान में हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए सशक्त कार्रवाई करें.

अब देखना यह है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी इस अपील पर कोई कदम उठाते हैं और क्या अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुहाजिरों के उत्पीड़न को लेकर आवाज उठाई जाएगी. इसके अलावा पाकिस्तान में इस उत्पीड़न के खिलाफ क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव बनता है, यह भी भविष्य के घटनाक्रम पर निर्भर करेगा.

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28 May 2025, 09:48 AM IST

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