‘सिंदूर का बदला खून’: थरूर ने बताया ऑपरेशन सिंदूर का गहरा संदेश
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल प्रेस क्लब में दिए गए अपने भाषण के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक बेहद सोच-समझकर रखा गया नाम करार दिया. उन्होंने इसे "सिंदूर के बदले खून" के रूप में भारत की सशक्त प्रतिक्रिया बताया.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में भारतीय संसद के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को आतंकवाद के विरुद्ध एक सशक्त और सांस्कृतिक रूप से गूंजता हुआ नाम बताया. वॉशिंगटन डीसी स्थित नेशनल प्रेस क्लब में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह नाम उस दर्द और अपमान का प्रतीक है जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 महिलाओं के विधवा हो जाने के बाद सामने आया. उन्होंने 'सिंदूर' को हिंदू विवाहित महिलाओं की पहचान बताते हुए कहा कि आतंकियों ने इसे मिटा दिया और इस हमले में रक्त ही सिंदूर बन गया.
आतंकियों ने जानबूझकर महिलाओं को छोड़ा जीवित
थरूर ने कहा कि आतंकियों ने जानबूझकर कुछ महिलाओं को जीवित छोड़ा ताकि वे गांव लौटकर इस भयावहता को बता सकें, जिससे हमले की क्रूरता और स्पष्ट हो जाती है. इस जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर हमला किया. थरूर के अनुसार, पाकिस्तान ने खुद स्वीकार किया कि भारतीय हमलों ने पेशावर से लेकर हैदराबाद तक के क्षेत्रों को प्रभावित किया. उपग्रह चित्रों में क्षतिग्रस्त रनवे और तबाह कमांड सेंटर साफ दिखाई देते हैं, जो भारत की सैन्य क्षमता और संकल्प को दर्शाते हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका में कांग्रेस के दोनों दलों के नेताओं से मुलाकात की, जिसमें रो खन्ना और रिच मैककॉर्मिक जैसे सांसद शामिल थे. इस बैठक में भारत ने आतंकवाद के प्रति अपने कठोर रुख और आत्मरक्षा के अधिकार पर ज़ोर दिया. अमेरिकी सांसदों ने भी 22 अप्रैल के हमले की स्पष्ट निंदा की और भारत के जवाबी कदमों का समर्थन किया.
10 मई को युद्धविराम पर बनी सहमति
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू हुआ और इसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया. तीन दिन तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी. प्रतिनिधिमंडल ब्राजील के दौरे के बाद आतंकवाद और झूठे प्रचार के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए अमेरिका पहुंचा.


