अहमदाबाद विमान हादसा का चौंकाने वाला दावा... क्या शॉर्ट सर्किट के वजह से गई 260 लोगों की जान?
अहमदाबाद में 12 जून को हुई एयर इंडिया की विमान दुर्घटना में एक अमेरिकी वकील ने सनसनी दावा किया है कि विमान में पानी के रिसाव से शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे हादसा हुआ. वकील ने ब्लैक बॉक्स डेटा की मांग की, जो FAA दिशानिर्देशों पर आधारित है, जिसमें ऐसे मामले दर्ज हैं.

Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट हादसे का शिकार हो गई थी. जिसमें 242 यात्रियों में से केवल एक ही व्यक्ति की जान बची थी. इस भयावह त्रासदी के बाद पायलटों की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. अमेरिका के वरिष्ठ वकील माइक एंड्रयूज ने दावा किया है कि यह हादसा पायलट की गलती नहीं बल्कि शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था. एंड्रयूज जो इस हादसे में मारे गए कई पीड़ितों के परिवारों की ओर से मुकदमा लड़ रहे हैं. इस बात की पुष्टि की है कि यह शॉर्ट सर्किट विमान में पानी के रिसाव की वजह से हुआ था. उन्होंने अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) की जांच की मांग की है.
कैसे हुआ हादसा, एंड्रयूज का बड़ा दावा
माइक एंड्रयूज का कहना है कि एअर इंडिया के 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में वाटर लाइन कपलिंग से पानी का रिसाव हुआ. जिससे विमान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में नमी पहुंच गई. FAA की 14 मई 2025 की अधिसूचना के अनुसार इससे शॉर्ट सर्किट की स्थिति बन सकती है. यह हादसा किसी मानव त्रुटि का परिणाम नहीं बल्कि तकनीकी खामी और डिजाइन से जुड़ी समस्या का नतीजा था.
ब्लैक बॉक्स डेटा की मांग
एंड्रयूज ने अमेरिकी कानून के तहत एक याचिका दायर कर एयर इंडिया विमान के ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जांच की अनुमति मांगी है. उनका दावा है कि शॉर्ट सर्किट के चलते फ्यूल स्विच अपने आप बंद हो सकते हैं जिससे इंजन फेल होने की आशंका बढ़ जाती है. हमें पूरी पारदर्शिता चाहिए. जब ब्लैक बॉक्स के डेटा से यह साबित हो जाएगा कि पायलट की कोई गलती नहीं थी. तब ही असली जिम्मेदारों को सामने लाया जा सकेगा
FAA ने पहले ही दी थी चेतावनी
FAA द्वारा जारी नोटिस में बोइंग के 787-8, 787-9 और 787-10 मॉडल विमानों में वाटर लाइन कपलिंग से रिसाव की समस्या को चिन्हित किया गया था. इन निर्देशों में कहा गया था कि रिसाव से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर प्रभाव पड़ सकता है और शॉर्ट सर्किट के जरिए सुरक्षा जोखिम पैदा हो सकता है. बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान जो इस दुर्घटना का शिकार हुआ, उन्हीं विमानों में शामिल है जिन पर FAA की विशेष निगरानी थी.
पायलटों को निर्दोष ठहराया
हादसे के तुरंत बाद सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में पायलटों को हादसे का जिम्मेदार बताया गया था लेकिन एंड्रयूज ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पायलट्स ने अंतिम क्षण तक विमान को बचाने की पूरी कोशिश की. उन्हें दोषी ठहराना सही नही है.
अब जांच पर टिकी हैं निगाहें
अब इस मामले की पूरी तस्वीर ब्लैक बॉक्स डेटा की जांच पर निर्भर करती है. यदि माइक एंड्रयूज के दावे प्रमाणित होते हैं तो यह न केवल एयर इंडिया बल्कि बोइंग जैसी बड़ी विमानन कंपनियों के लिए भी बड़ा झटका हो सकता है.


