Silkyara Tunnel: दो महीने बाद फिर शुरू हुआ सिल्कयारा टनल का काम, श्रमिकों के सुरक्षा का रखा जाएगा विशेष ध्यान
Silkyara Tunnel: पिछले साल 12 नवंबर की सुबह भूस्खलन के बाद 4.5 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग में धंसने से 41 मजदूर फंस गए थे. हालांकि, 17 दिनों तक चले विभिन्न एजेंसियों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के भारी प्रयास के बाद उन सभी को सुरक्षित बचा लिया गया.

Silkyara Tunnel: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर सुरंग के बरकोट और सिल्क्यारा दोनों छोर से सुरक्षात्मक प्रकृति का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, एक अधिकारी ने यहां बताया कि सुरंग की मुख्य दीवार के निर्माण के लिए शटरिंग शुरू हो गई है, जबकि सिल्क्यारा की ओर से सुरंग के मुहाने पर एक निर्माणाधीन पुल का काम भी शुरू हो गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा, मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद, काम धीरे-धीरे शुरू हो गया है और 15 दिनों में गति पकड़ लेगा.
इस बारे में जानकारी देते हुए कर्नट पाटिल ने बताया कि शनिवार को कार्य का निरीक्षण किया था. उन्होंने कहा कि सबसे पहले सिल्कयारा में भूस्खलन प्रभावित स्थान और सुरंग के मुहाने के बीच लगभग 100 मीटर के संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा कार्य किया जाएगा.
सबसे पहले सुरंग से निकाला जाएगा जमा हुआ पानी
फंसे हुए श्रमिकों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए तैयार किए गए बचाव मार्ग से श्रमिकों को अंदर भेजा जाएगा ताकि सुरंग में जमा हुए पानी को निकाला जा सके. सिल्कयारा सुरंग दुर्घटना के बाद, इसके बाहर के होटलों, ढाबों और किराने की दुकानों का कारोबार धीमा हो गया था. सुरंग का काम दोबारा शुरू होने से ग्रामीण खुश हैं. यहां तक कि जो मजदूर फंसे हुए थे और बचाव के बाद घर चले गए थे, वे भी धीरे-धीरे काम फिर से शुरू करने के लिए साइट पर लौट रहे हैं. हालांकि उनमें से कुछ पहले ही आ चुके हैं, बाकि और श्रमिक जल्द ही आएंगे.
सिल्कयार सुरंग के बाहर किराने की दुकान चलाने वाली किरण जयादा ने कहा कि वह एक मजदूर के संपर्क में थी जिसे सुरंग से बचाया गया था, जिसने उन्हें बताया कि वह जल्द ही काम पर वापस आ जाएगा. उन्होंने कहा, मजदूर माणिक ने सुरंग ढहने से एक दिन पहले 11 नवंबर को उन्हें दिवाली की मिठाई दी थी. उसे याद आया कि जब मजदूर सुरंग में फंस गए थे तो वह कितनी घबरा गई थी.ॉ
भूस्खलन के कारण धंस गया था सुरंग
बता दें कि पिछले साल 12 नवंबर की सुबह भूस्खलन के बाद 4.5 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग में धंसने से 41 मजदूर फंस गए थे. हालांकि, 17 दिनों तक चले विभिन्न एजेंसियों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के भारी प्रयास के बाद उन सभी को सुरक्षित बचा लिया गया. दुर्घटना के बाद से सुरंग में निर्माण कार्य को रोक दिया गया था.


