score Card

ऑनलाइन शॉपिंग से आतंक! पुलवामा हमले में ई‑कॉमर्स का दुरुपयोग, FATF ने बताई पूरी साजिश

दुनियाभर में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF ने अपनी नई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है.रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में हुए पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक के लिए जरूरी केमिकल्स जैसे एल्युमिनियम पाउडर को एक ई-कॉमर्स साइट के जरिए खरीदा गया था.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

दुनिया भर में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF (Financial Action Task Force) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत के पुलवामा और गोरखनाथ मंदिर हमले का हवाला देते हुए डिजिटल टूल्स और फिनटेक सेवाओं के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आतंकवादी संगठन अब ई-कॉमर्स और ऑनलाइन पेमेंट चैनलों का इस्तेमाल हथियार और विस्फोटक खरीदने के लिए कर रहे हैं.

FATF ने स्पष्ट किया कि किस तरह आतंकवादी संगठनों ने तकनीक के माध्यम से अपने फंडिंग नेटवर्क को आधुनिक और छुपा हुआ बना लिया है. पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए एल्युमीनियम पाउडर जैसे रसायनों की खरीद एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon) के जरिए की गई थी. रिपोर्ट में इसे वैश्विक आतंकवाद की नई रणनीति बताया गया है.

हमले में Amazon प्लेटफॉर्म का हुआ था इस्तेमाल

2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे. FATF की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में इस्तेमाल किए गए IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए जो एल्युमीनियम पाउडर इस्तेमाल हुआ, वो Amazon जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदा गया था.

इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी. जांच एजेंसियों ने पाया कि इस आतंकी हमले की योजना और लॉजिस्टिक में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की बड़ी भूमिका रही. इस मामले में कुल 19 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिनमें 7 विदेशी नागरिक भी शामिल थे. इनके खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया और कई वाहन और ठिकानों को जब्त किया गया.

गोरखनाथ मंदिर हमले में PayPal से फंडिंग

FATF रिपोर्ट में अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर परिसर में हुए हमले का भी ज़िक्र किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले का आरोपी एक ISIS-प्रेरित व्यक्ति था जिसने PayPal के ज़रिए करीब 6.7 लाख रुपये की राशि विदेश भेजी थी. उसने इस राशि से इस्लामिक स्टेट (ISIL) के कार्यकर्ताओं को सहायता पहुंचाई थी.

आरोपी ने अपनी लोकेशन छुपाने के लिए कई VPN सेवाओं का इस्तेमाल किया और भारतीय बैंक अकाउंट से VPN प्रदाताओं को भुगतान भी किया. उसने कुल 44 अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन किए थे. PayPal ने संदेहास्पद गतिविधि को देखते हुए उसका खाता सस्पेंड कर दिया.

फिनटेक प्लेटफॉर्म बने आतंकियों का नया हथियार

FATF ने रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि बीते एक दशक में जिस तेज़ी से फिनटेक प्लेटफॉर्म्स का विकास हुआ है, उसी तेजी से आतंकियों ने इनका दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है. वे छोटे-छोटे उत्पाद बेचकर, सोशल मीडिया के ज़रिए डोनेशन इकट्ठा कर और यहां तक कि 3D प्रिंटेड पार्ट्स खरीदकर भी विस्फोटक तैयार कर रहे हैं.

इन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए आतंकवादी अब ऐसे विकेन्द्रित वित्तीय नेटवर्क बना रहे हैं जिनकी ट्रेसिंग करना बेहद मुश्किल हो गया है. खास तौर पर पीयर-टू-पीयर (P2P) पेमेंट्स, जो फर्जी नामों से भी किए जा सकते हैं, सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं.

राज्य-प्रायोजित आतंकवाद पर भी जताई चिंता

FATF ने अपनी रिपोर्ट में बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि कुछ राष्ट्रीय सरकारें अब भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकी संगठनों को सहायता दे रही हैं. हालांकि रिपोर्ट में सीधे पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया, लेकिन भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकियों को संरक्षण देने का आरोप लगाता रहा है. भारत ने FATF से मांग की है कि पाकिस्तान को एक बार फिर 'ग्रे लिस्ट' में डाला जाए, खासतौर पर पुलवामा और अन्य मामलों की पुष्टि के बाद.

पहलगाम आतंकी हमले पर भी जताया रोष

रिपोर्ट के अंत में FATF ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं बिना वित्तीय सहायता और डिजिटल नेटवर्क के संभव नहीं हैं. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी. FATF ने सदस्य देशों से अपील की है कि वे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, VPN सेवाओं और डिजिटल वित्तीय चैनलों की कड़ी निगरानी करें ताकि आतंकियों की इन नई रणनीतियों को समय रहते रोका जा सके.

calender
09 July 2025, 08:51 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag