दूल्हे ने दहेज में मांगे 100 सोने के सिक्के, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दुल्हन का परिवार, अब देना होगा 3 लाख रुपए का मुआवजा
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 4 के तहत एम. वेंकटेश्वरन (अपीलकर्ता) की दोषसिद्धि की पुष्टि की।

Dowry system : शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन बहुत खुश होते हैं। इस दौरान दोनों परिवार शादी पर खूब पैसा खर्च करते हैं। हालांकि, दहेज प्रथा अभी भी कई परिवारों को परेशान कर रही है। आज भी दूल्हा पक्ष दहेज के नाम पर कई मांगें करता है। ऐसी ही एक खबर सामने आई है जिसमें दूल्हे ने शादी के दौरान एक मांग रख दी। जब दुल्हन के परिवार ने उसकी मांग पूरी नहीं की तो युवक ने शादी तोड़ दी। इसके बाद दुल्हन ने मामले को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
मामले में सुनाया बड़ा फैसला
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि युवक अपनी दुल्हन को 3 लाख रुपये का मुआवजा दे, क्योंकि उसकी पत्नी उसकी सोने की मांग पूरी नहीं कर सकी थी। न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एसवी भट्टी की खंडपीठ ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत एम वेंकटेश्वरन नामक व्यक्ति की दोषसिद्धि को बरकरार रखा।
युवक ने शादी समारोह में सहयोग से किया इनकार
दरअसल, दुल्हन के परिवार ने दहेज के रूप में 100 सोने के सिक्कों की मांग को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद युवक ने शादी समारोह में सहयोग करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट मद्रास उच्च न्यायालय के 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसने आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 4 के तहत एम. वेंकटेश्वरन (अपीलकर्ता) की दोषसिद्धि की पुष्टि की।


