तमिल सिनेमा के लिए सबसे खराब वर्षों में से एक रहा 2024, इतने करोड़ का हुआ नुकसान
तमिल सिनेमा ने 2024 में कुछ हिट फिल्मों जैसे अमरन, महाराजा, और गरुड़न का जश्न मनाया, लेकिन यह साल वास्तव में तमिल फिल्म उद्योग के लिए निराशाजनक साबित हुआ. रिपोर्टों के अनुसार, इस साल तमिल फिल्म निर्माताओं ने लगभग ₹3000 करोड़ खर्च किए थे, लेकिन वे ₹1000 करोड़ का नुकसान उठा रहे थे.

तमिल सिनेमा ने 2024 में कुछ हिट फिल्मों जैसे अमरन, महाराजा, और गरुड़न का जश्न मनाया, लेकिन यह साल वास्तव में तमिल फिल्म उद्योग के लिए निराशाजनक साबित हुआ. रिपोर्टों के अनुसार, इस साल तमिल फिल्म निर्माताओं ने लगभग ₹3000 करोड़ खर्च किए थे, लेकिन वे ₹1000 करोड़ का नुकसान उठा रहे थे. 241 में से सिर्फ 18 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं, जो कि बहुत ही कम सफलता का प्रतिशत था.
बड़े बजट की फिल्में असफल क्यों हुईं?
इस वर्ष की असफलता का एक प्रमुख कारण यह था कि कई बड़ी बजट की फिल्में, जिनमें सूर्या, रजनीकांत और कमल हासन जैसे बड़े सितारे शामिल थे, बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुईं. उदाहरण के तौर पर, सूर्या की बहुप्रचारित फिल्म कंगुवा ₹350 करोड़ के बजट पर बनी थी और इसे पूरे भारत में बड़े पैमाने पर प्रचारित किया गया था. हालांकि, फिल्म ने केवल ₹106 करोड़ की कमाई की, जो कि बहुत ही निराशाजनक था. इसी तरह, इंडियन 2 और रजनीकांत की वेट्टैयान जैसी फिल्में भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरीं.
नमनीय प्रदर्शन और कम सफलता का अनुपात
प्रमुख वितरक BOFTA जी धनंजयन ने बताया कि इंडियन 2, कंगुवा, और वेट्टैयान जैसी बड़ी फिल्में दर्शकों को आकर्षित करने में असफल रही. 2024 में केवल द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम (GOAT) जैसी कुछ फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि अधिकांश फिल्में असफल रहीं. कुल मिलाकर, केवल 18 फिल्में सफल रही, जिससे सफलता का अनुपात घटकर 7% रह गया.
लघु और मध्यम बजट की फिल्मों की स्थिति
सामान्य तौर पर, तमिल सिनेमा में छोटे और मध्यम बजट की फिल्मों से भी कुछ हिट फिल्मों की उम्मीद की जाती है, लेकिन 2024 में इस सेगमेंट में भी सफलता की कमी रही. हालांकि, कुछ फिल्में जैसे गरुड़न और लुबर पंधु ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम थी.
दर्शकों की बदलती प्राथमिकताएँ
2024 के अंत तक यह साफ हो गया कि तमिल दर्शक अब महंगी और स्टार-स्टूड फिल्म प्रस्तुतियों से अधिक, बेहतर कहानियों और मजबूत स्क्रिप्ट की मांग कर रहे हैं. गेम चेंजर जैसी बड़ी बजट की फिल्म भी अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी, जबकि छोटी फिल्मों जैसे माधा गज राजा और कुदुम्बस्थान ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया. यह दर्शाता है कि अब दर्शक कंटेंट पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
आशावादी भविष्य
हालांकि 2024 तमिल फिल्म उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष था, 2025 के लिए उम्मीदें जीवित हैं. अगली साल में कुछ बड़ी फिल्मों की रिलीज़ की उम्मीद है, जिनमें अजित कुमार की विदामुयार्ची, रजनीकांत की कुली, कमल हासन की ठग लाइफ, सूर्या की रेट्रो, और अन्य महत्वपूर्ण फिल्में शामिल हैं. तमिल सिनेमा के वितरक और निर्माता इस बात को लेकर आशावादी हैं कि 2025 में हिट फिल्मों का अनुपात बढ़ेगा और उद्योग अपनी खोई हुई स्थिति को फिर से हासिल करेगा.


