बांग्लादेश के हालातों पर भारतीय सेना की नजर! जनरल उपेंद्र द्विवेदी और पड़ोसी देश के सेना प्रमुख के बीच हुई बातचीत, क्या सुधरेंगे हालात
बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के बीच भारत सतर्क है. दोनों देशों के सेना प्रमुख संपर्क में हैं. शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हालात बिगड़े. अल्पसंख्यकों पर हमलों से भारत चिंतित है और कड़ा कूटनीतिक संदेश दिया गया है.

नई दिल्लीः बांग्लादेश में लगातार बढ़ रही हिंसा, आगजनी और राजनीतिक अस्थिरता के बीच भारत पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर बनाए हुए है. सुरक्षा और कूटनीतिक स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके. सूत्रों के मुताबिक, भारत और बांग्लादेश के सेना प्रमुख लगातार सीधे संपर्क में हैं और जमीनी हालात पर नियमित बातचीत हो रही है.
सेना प्रमुखों के बीच सीधा संवाद
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना प्रमुख और बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान के बीच निरंतर संवाद चल रहा है. इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य सीमा के दोनों ओर शांति और स्थिरता बनाए रखना है. जनरल वाकर उज जमान ने भारतीय सेना प्रमुख को भरोसा दिलाया है कि बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय प्रतिष्ठान, मिशन और नागरिक पूरी तरह सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा तनाव के बावजूद बांग्लादेश की सेना और सुरक्षा एजेंसियां हालात को नियंत्रण में रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.
शरीफ उस्मान हादी की मौत से बिगड़े हालात
बांग्लादेश में हालात उस समय और गंभीर हो गए, जब भारत विरोधी कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत हो गई. हादी को ढाका में गोली मारी गई थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था. गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. हादी जुलाई विद्रोह का प्रमुख चेहरा था और अंतरिम सरकार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में एक बड़ा प्रतीक बन चुका था. उसकी मौत के बाद समर्थकों में आक्रोश फैल गया और कई शहरों में हिंसक घटनाएं शुरू हो गईं.
अखबारों और सांस्कृतिक संस्थानों पर हमले
हादी की मौत के बाद ढाका समेत कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं. राजधानी ढाका में देश के प्रमुख अखबार ‘प्रथोम आलो’ और ‘द डेली स्टार’ के कार्यालयों को निशाना बनाया गया. इसके अलावा वामपंथी सांस्कृतिक संगठन उदीची शिल्पीगोष्ठी के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई. कई जगहों पर पत्थरबाजी और आगजनी से माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया.
मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत
हिंसा का सबसे दर्दनाक चेहरा शनिवार तड़के लक्ष्मीपुर सदर उपजिला में देखने को मिला, जहां पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के एक नेता के घर में आग लगा दी गई. इस घटना में नेता की महज 7 साल की बेटी की जलकर मौत हो गई. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और हिंसा की भयावहता को उजागर कर दिया.
अल्पसंख्यकों पर हमलों से भारत चिंतित
इन घटनाओं का असर भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी पड़ता दिख रहा है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत लगातार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जता रहा है. हाल ही में ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू युवक को पहले पीटा गया, फिर पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया गया. बाद में सामने आया कि उस पर लगाए गए आरोप झूठे थे. पुलिस द्वारा युवक को भीड़ के हवाले किए जाने से प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं.
बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब
इन हालात को देखते हुए भारत ने कड़ा कूटनीतिक रुख अपनाया है. नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद रियाज हमीदुल्लाह को तलब कर भारत ने अपना विरोध दर्ज कराया. भारत ने ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग को मिल रही धमकियों और बांग्लादेशी नेताओं के भारत विरोधी बयानों पर गंभीर चिंता जताई है.
भारत का स्पष्ट संदेश
विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि भारत बांग्लादेश में शांति और स्थिरता का समर्थक है, लेकिन अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह भारतीय मिशनों, नागरिकों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. भारत स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर हर जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार है.


