दीघा मंदिर को 'धाम' कहने पर मचा बवाल, BJP ने ममता पर साधा निशाना, कहा– चुनाव जीतने की चाल
पश्चिम बंगाल के दीघा में हाल ही में उद्घाटित जगन्नाथ मंदिर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 'जगन्नाथ धाम' कहे जाने पर ओडिशा में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. ओडिशा के कई श्रद्धालु, पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य, और प्रमुख सांस्कृतिक हस्तियों ने इस नामकरण पर आपत्ति जताई है.

पश्चिम बंगाल के दीघा में नव-निर्मित जगन्नाथ मंदिर को 'धाम' कहे जाने पर ओडिशा में धार्मिक आस्था से जुड़ा बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. ओडिशा के कई श्रद्धालु, पुजारी, और संस्कृतिकर्मी इस बात से आहत हैं कि दीघा के मंदिर को ‘जगन्नाथ धाम’ का दर्जा दिया गया. पद्मश्री सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस पर स्पष्टीकरण की मांग की है.
30 अप्रैल को दीघा में मंदिर के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे 'धाम' कहा था, जिसके बाद ओडिशा में विरोध की लहर दौड़ गई. आलोचकों का कहना है कि 'जगन्नाथ धाम' का दर्जा सिर्फ पुरी स्थित मूल मंदिर को है, और किसी अन्य मंदिर को यह कहे जाना धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के विरुद्ध है.
ममता बनर्जी से स्पष्टीकरण की मांग
प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को पत्र लिखते हुए कहा, "यह बयान दुनियाभर में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों की धार्मिक भावना को गहरी ठेस पहुंचाता है. हमारे शास्त्रों के अनुसार ‘जगन्नाथ धाम’ केवल पुरी है. किसी और मंदिर को यह दर्जा देना हमारी परंपरा के खिलाफ है." पटनायक ने आग्रह किया कि ओडिशा सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से बात कर इस विवाद को सुलझाए.
'ब्रह्मा प्रतिष्ठा' के दावे पर भी आपत्ति
सुदर्शन पटनायक ने इस बात पर भी चिंता जताई कि दीघा मंदिर में ‘ब्रह्मा’ की प्रतिष्ठा होने का दावा किया गया है. उन्होंने कहा, “महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ति में ब्रह्मा का रहस्य पुरी के मंदिर की विशेषता है, जो सदियों से गुप्त परंपरा में रहा है. यह दावा बहुत ही संवेदनशील है.” उन्होंने इस विषय पर कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को भी पत्र की कॉपी भेजते हुए जांच की मांग की.
गहरी साजिश का लगा आरोप
पूर्व समिति सदस्य मधव मोहापात्र ने ममता बनर्जी से आग्रह किया कि वह “झूठे दावे” करना बंद करें. उन्होंने कहा, “यह संपूर्ण सनातन धर्म और जगन्नाथ धाम के खिलाफ एक गहरी साजिश लगती है.”
'हर समुद्र महोदधि नहीं होता'- वरिष्ठ सेवायत
श्रीजगन्नाथ मंदिर के वरिष्ठ सेवायत रामचंद्र दसमोहतपात्र ने कहा, “आदि शंकराचार्य ने पुरी को ही जगन्नाथ धाम का दर्जा दिया है. सभी समुद्र महोदधि नहीं होते और सभी जगन्नाथ मंदिर धाम नहीं होते.”
'ममता दीदी, बंगालियों को भ्रमित न करें'
श्रीजगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने ममता बनर्जी को चेताया कि वह “बंगालियों को भ्रमित न करें”. उन्होंने कहा, “बंगाली लोग समझदार हैं, उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता.”
बीजेपी ने भी साधा निशाना
27 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री और बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “एक ओर आप हिंदुओं की हत्या कर रही हैं, दूसरी ओर मंदिर बना रही हैं. मंदिर सरकार का काम नहीं है, अयोध्या मंदिर के लिए जनता ने चंदा दिया. दीघा मंदिर के लिए भी ऐसा ही होना चाहिए.”
जानिए दीघा के जगन्नाथ मंदिर के बारे में
दीघा में बना नया मंदिर 250 करोड़ रुपये की लागत से 20 एकड़ में बना है. इस मंदिर की बनावट पुरी के 12वीं सदी के मंदिर जैसी ही है. उद्घाटन के बाद ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के दौरान जो भावनाएं महसूस कीं, उन्हें शब्दों में बयान करना मुश्किल है.”


