छत्तीसगढः गुस्से में लाल हुए गजराज, एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शुक्रवार सुबह एक जंगली हाथी के हमले में 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई. मृतक राम दयाल गोंड जंगल में शौच के लिए गया था, तभी हाथी ने हमला कर दिया. घटना के बाद वन विभाग ने परिवार को तात्कालिक राहत दी. राज्य में मानव-हाथी संघर्ष लगातार बढ़ रहा है, जिसमें पिछले पांच वर्षों में 320 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. विशेषज्ञ समाधान के लिए दीर्घकालिक नीति की मांग कर रहे हैं.

कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल अंतर्गत शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में 22 वर्षीय युवक की जान चली गई, जब वह एक जंगली हाथी का शिकार बन गया. मृतक की पहचान चिरहापानी गांव निवासी राम दयाल गोंड के रूप में हुई है. यह घटना सुबह लगभग छह बजे की है, जब युवक जंगल में शौच के लिए गया था.
जंगल में हुई मुठभेड़ बनी जानलेवा
कटघोरा के वनाधिकारी कुमार निशांत ने जानकारी दी कि हादसा कुम्हारिसानी-छिरहापानी गांव के समीप पसान वन क्षेत्र में हुआ. राम दयाल जंगल में रोजमर्रा की जरूरत के लिए गया था, तभी अचानक उसका सामना एक जंगली हाथी से हो गया. हाथी ने आक्रामक होकर युवक पर हमला कर दिया और उसे कुचल डाला, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
मौके पर पहुंची वन व पुलिस टीम
सूचना मिलते ही फोरेस्ट डिपार्टमेंट और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वन अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिजनों को तत्काल 25,000 रुपये की राहत राशि दी गई है, जबकि शेष 5.75 लाख रुपये का मुआवजा आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति के बाद जारी किया जाएगा.
मानव-हाथी संघर्ष बन रहा विकराल समस्या
छत्तीसगढ़ में मानव और हाथियों के बीच बढ़ते टकराव की यह एक और भयावह घटना है. राज्य के उत्तरी क्षेत्र, विशेषकर रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, बलरामपुर और जशपुर जिले, इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित हैं. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में जंगली हाथियों द्वारा किए गए हमलों में लगभग 320 लोगों की जान जा चुकी है.
वन्यजीव संरक्षण बनाम मानवीय संकट
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में इंसानी दखल और आवासीय क्षेत्रों के पास हाथियों की आवाजाही से इस प्रकार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. हाथियों का प्राकृतिक रहवास क्षेत्र सिमटने और भोजन की तलाश में गांवों की ओर आने की घटनाएं आम होती जा रही हैं. इससे न केवल जानमाल का नुकसान हो रहा है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भी गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है.
सरकार और प्रशासन की चुनौती
प्रशासन द्वारा दी जा रही राहत राशि और जागरूकता अभियानों के बावजूद स्थिति में व्यापक सुधार नहीं हो सका है. वन विभाग के अधिकारी अब प्रभावित गांवों में निगरानी बढ़ाने, हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह देने पर जोर दे रहे हैं.