वे भारतीय थे... पहलगाम आतंकी हमले पर संसद में भावुक हुई प्रियंका गांधी, कहा- सरकार जनता के सवालों से भागती है
लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले पर हुई बहस के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार की नीतियों और जवाबदेही पर सवाल उठाए. उन्होंने पीड़ितों को हिंदू कहे जाने पर जवाब दिया – "वे भारतीय थे". प्रियंका ने कहा कि उनकी मां के आंसू आतंकवाद में पिता को खोने के दर्द से जुड़े हैं. उन्होंने सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए जनभावनाओं का उपयोग करने और जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार की नीति और बयानबाजी पर तीखा हमला बोला. जब कुछ सांसदों ने हमले में मारे गए लोगों को "हिंदू" कहकर संबोधित किया, तो प्रियंका गांधी ने शांत लेकिन असरदार जवाब देते हुए कहा, "वे भारतीय थे".
पिता की शहादत का दर्द याद किया
प्रियंका गांधी का यह बयान तब आया जब गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान सोनिया गांधी के आंसुओं का जिक्र किया. इसके जवाब में प्रियंका गांधी ने कहा,"मेरी मां के आंसू तब गिरे थे जब आतंकवादियों ने मेरे पिता (राजीव गांधी) की हत्या की थी. आज जब मैं उन 26 लोगों की बात करती हूं जो पहलगाम हमले में मारे गए, तो मैं उनका दर्द समझती हूं क्योंकि मैंने खुद उस पीड़ा को जिया है."
सरकार पर लगाया जिम्मेदारी से भागने का आरोप
प्रियंका गांधी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उत्तरदायित्व (accountability) से बच रही है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक घंटे का भाषण दिया, लेकिन उसमें 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की बात नहीं की, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. उन्होंने सवाल किया,"आख़िर उस दिन क्या हुआ, कैसे हुआ, और क्यों हुआ? सरकार चुप क्यों रही?"
"सरकार के लिए हर चीज प्रचार, जनता की नहीं कोई जगह"
प्रियंका गांधी ने सत्तारूढ़ पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया कि वह हर राष्ट्रीय त्रासदी को राजनीतिक मुद्दा बना देती है. उन्होंने कहा, "यह सरकार जनता के सवालों से भागती है. इनके लिए हर विषय राजनीति और प्रचार है. जनता का दर्द, इनकी प्राथमिकता नहीं है."
"आप इतिहास की बात करते हैं, मैं वर्तमान की करूंगी"
प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वे हर बार गांधी परिवार का नाम गिनवाकर अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा, "साहब, आप इतिहास की बात करते हैं, मैं आज की बात करूंगी. आप 11 साल से सत्ता में हैं, फिर भी हर बात में बहाने ढूंढते हैं."
गृह मंत्री की प्रतिक्रिया पर उठाए सवाल
प्रियंका गांधी ने चर्चा के दौरान कहा कि जब विपक्षी सांसद गौरव गोगोई ने गृह मंत्री से गंभीर सवाल पूछे, तो उस समय रक्षा मंत्री सिर हिला रहे थे, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह हंस रहे थे. उन्होंने कहा कि यह रवैया दिखाता है कि सरकार जनता के सवालों को गंभीरता से नहीं लेती.
शहीदों की जाति नहीं, उनकी नागरिकता मायने रखती है
प्रियंका गांधी का पूरा भाषण इस बात पर केंद्रित रहा कि राष्ट्रीय त्रासदियों को धर्म या राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिन 26 लोगों की जान गई, वे सिर्फ "हिंदू" नहीं, हमारे देश के नागरिक थे – "भारतीय थे". यह बयान न केवल सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि एक राष्ट्रीय एकता और संवेदनशीलता का संदेश भी देता है.


