ये मेरे मन की बात से... इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी की आत्मकथा में PM मोदी ने प्रस्तावना में क्या लिखा
Georgia Meloni Autobiography : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा "आई एम जॉर्जिया" के भारतीय संस्करण की प्रस्तावना लिखी है. इसमें उन्होंने मेलोनी को एक देशभक्त और प्रेरणादायक समकालीन नेता बताया है. आत्मकथा में मेलोनी के राजनीतिक सफर, महिला होने के संघर्ष और मूल्यों की झलक मिलती है. पीएम मोदी ने इसे भारतीय पाठकों के लिए प्रेरणादायक और विचारोत्तेजक पुस्तक बताया है.

Georgia Meloni Autobiography : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा "आई एम जॉर्जिया – माई रूट्स, माई प्रिंसिपल्स" के भारतीय संस्करण की प्रस्तावना लिखी है. यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जब भारत और इटली के दो प्रमुख नेताओं के बीच गहरी वैचारिक समझ और पारस्परिक सम्मान को सार्वजनिक रूप से दर्शाया गया है. पीएम मोदी ने इस प्रस्तावना को लिखना एक "सम्मान" बताते हुए मेलोनी के प्रति "सम्मान, प्रशंसा और मित्रता" प्रकट की है.
आत्मकथा से 'मन की बात' तक का जुड़ाव
एक देशभक्त और समकालीन नेता
मोदी ने मेलोनी को एक “देशभक्त और उत्कृष्ट समकालीन नेता” के रूप में वर्णित किया है. उन्होंने कहा कि मेलोनी की जीवन यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों की कहानी है, बल्कि यह आधुनिक दुनिया में एक मजबूत सांस्कृतिक पहचान के साथ आगे बढ़ने की मिसाल भी है. पीएम मोदी के अनुसार, मेलोनी की राजनीति देशभक्ति, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व के मजबूत स्तंभों पर टिकी हुई है – जो भारत के भी मूलभूत सिद्धांतों से मेल खाते हैं.
भारतीय पाठकों से मेलोनी की अपेक्षा
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि मेलोनी की यह आत्मकथा भारतीय पाठकों के दिलों को छुएगी और उन्हें प्रेरित करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में मेलोनी को एक मजबूत, निडर और वैचारिक रूप से स्पष्ट नेता के रूप में सराहा जाएगा.
वैश्विक नेताओं से अनुभव और मेलोनी की विशेषता
अपनी प्रस्तावना में पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे पिछले एक दशक में उन्होंने विश्व के अनेक नेताओं से मुलाकात की है. हर नेता की यात्रा अलग रही है, लेकिन उनमें से कुछ की कहानियाँ ऐसी होती हैं जो वैश्विक राजनीति की गहराइयों को छूती हैं. मेलोनी की यात्रा भी ऐसी ही है, जो केवल राजनीतिक नहीं बल्कि वैचारिक और सामाजिक स्तर पर भी प्रेरणादायक है.
अमेरिकी संस्करण और ट्रंप जूनियर की भूमिका
इस आत्मकथा का अमेरिकी संस्करण जून 2025 में प्रकाशित हुआ था, जिसकी प्रस्तावना डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने लिखी थी. उन्होंने मेलोनी की मजदूर वर्ग की पृष्ठभूमि पर जोर देते हुए इसे “देशभक्ति की लहर की अनकही कहानी” बताया था. यह स्पष्ट करता है कि मेलोनी की जीवन यात्रा सिर्फ इटली तक सीमित नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन चुकी है.
महिलाओं की स्थिति और व्यक्तिगत संघर्ष
मेलोनी ने अपनी आत्मकथा में महिलाओं के प्रति समाज की सोच, भेदभाव और उनके व्यक्तिगत अनुभवों को भी सजीव रूप में प्रस्तुत किया है. उन्होंने अपने चुनावी भाषणों में कहा था – "मैं जॉर्जिया हूँ, मैं एक महिला हूँ, मैं इतालवी हूँ, मैं ईसाई हूँ – आप यह मुझसे नहीं छीन सकते." यह नारा सिर्फ आत्म-पहचान नहीं, बल्कि उनके संघर्ष और आत्मसम्मान की आवाज बन गया.
मेलोनी ने बताया कि कैसे उन्हें एक अविवाहित महिला होने के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और कैसे गर्भवती होने के बावजूद उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों को नहीं छोड़ा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "बच्चे कोई रुकावट नहीं हैं, बल्कि वे हमें सीमाओं को पार करने में मदद करते हैं."
रानीति में न्याय और अवसर सुनिश्चित करने आई
मेलोनी ने आत्मकथा में यह भी साफ किया कि वह राजनीति में सिर्फ महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए नहीं आईं, बल्कि सभी के लिए न्याय और अवसर सुनिश्चित करने के लिए आईं. उनके अनुसार, राजनीति सभी का मंच है, और इसका उद्देश्य समावेशी विकास होना चाहिए.
मोदी ने मेलीनी के प्रति सम्मान प्रकट क्रिया
इस आत्मकथा के माध्यम से जॉर्जिया मेलोनी की राजनीतिक, वैचारिक और व्यक्तिगत यात्रा पाठकों के सामने आती है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिखी गई प्रस्तावना न केवल मेलोनी के प्रति सम्मान प्रकट करती है, बल्कि भारत और इटली के बीच विचारधारा और मूल्यों की समानता को भी उजागर करती है. यह आत्मकथा भारत के पाठकों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत बनेगी, बल्कि वैश्विक नेतृत्व के नए विमर्श को भी जन्म देगी.


