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महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान...राहुल गांधी ने मनरेगा में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के मनरेगा बदलने के प्रस्तावित विधेयक को महात्मा गांधी के आदर्शों और गरीब ग्रामीण परिवारों के अधिकारों का अपमान करार दिया और सड़क से संसद तक विरोध की घोषणा की.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) को बदलने के प्रस्तावित विधेयक को लेकर जमकर हमला बोला. उन्होंने इसे महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान करार दिया और कहा कि यह गरीब ग्रामीण परिवारों के अधिकारों के खिलाफ एक गंभीर कदम है.

क्या है मनरेगा का मतलब?

राहुल गांधी ने अपने बयान में बताया कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के विचार का जीवंत उदाहरण है. यह योजना ग्रामीण भारत में जीवन रेखा का काम करती है और कोविड-19 महामारी के दौरान ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सांसद ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार योजना को कमजोर करने की रणनीति के तहत लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में केंद्र ने इसे धीरे-धीरे कमजोर करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

नए विधेयक की चिंता

केंद्र सरकार अब एमजीएनआरईजीए को समाप्त कर नए 'विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' (VB-GRAM G) विधेयक के तहत पेश करने की योजना बना रही है. प्रस्तावित योजना में 125 दिनों का मजदूरी रोजगार देने का वादा किया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में खर्च साझा करेंगे. मनरेगा 2005 को इस नए विधेयक से निरस्त कर दिया जाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि इस बदलाव से केंद्र को योजना पर केंद्रीकृत नियंत्रण मिलेगा और राज्यों को 40 प्रतिशत लागत वहन करनी होगी, जिससे फसल कटाई और अन्य मौसमी समय में मजदूरों को महीनों तक रोजगार से वंचित होना पड़ सकता है.

प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी के विचार और गरीबों के अधिकारों से "गहरी नफरत" है. उन्होंने कहा कि मनरेगा को केंद्रीकृत नियंत्रण में बदलने का प्रयास प्रधानमंत्री मोदी की निरंतर योजना का हिस्सा है. राहुल गांधी ने कहा कि अब मोदी सरकार गरीब ग्रामीण परिवारों की सुरक्षित आजीविका को निशाना बना रही है और युवाओं का भविष्य व्यापक बेरोजगारी के खतरे में डाल रही है.

विपक्ष की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और विपक्ष इस जनविरोधी विधेयक के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने इसे महात्मा गांधी के आदर्शों और गरीबों के अधिकारों के खिलाफ एक बड़ा हमला बताया.

मनरेगा का इतिहास

मनरेगा की स्थापना 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने की थी. इसे 2009 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के नाम से जाना जाने लगा. इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष कम से कम 100 दिन का मजदूरी रोजगार कानूनी गारंटी के साथ मिलता है.

 

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16 December 2025, 04:49 PM IST

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