न्याय की जंग में तीन लोगों की मौत, यौन उत्पीड़न मामले में दलित का बिखरा पूरा परिवार
Sexual Harassment Case: 2019 में एक 23 वर्षीय महिला ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था जिसमें उसने आरोप लगाया गया था कि चार लोगों ने उसे परेशान किया, धमकाया और मारपीट की. 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान, यह मामला चर्चा का प्रमुख विषय बन गया, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच बहस छिड़ गई.

Sexual Harassment Case: देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक और चौंकाने वाली घटना ने नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान किए गए बड़े-बड़े दावों और वादों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो चुनाव खत्म होने के बाद भूल जाते हैं. इस घटना में, यौन उत्पीड़न के मामले में न्याय के लिए एक परिवार की लड़ाई में उसके तीन सदस्यों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ गया. मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दलित महिला जिसने चार लोगों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, कथित तौर पर अपने चाचा के शव को ले जा रही एंबुलेंस से गिर गई, जिसे उन्हीं लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
क्या है मामला?
एक 23 वर्षीय महिला ने 2019 में पुलिस में मामला दर्ज कराया था जिसमें उसने आरोप लगाया गया था कि चार लोगों ने उसे परेशान किया, धमकाया और मारपीट की. 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान, यह मामला चर्चा का प्रमुख विषय बन था, जिसे लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच बहस छिड़ गई.
Dalit girl from Sagar, MP, who accused a local BJP leader of sexual assault, got killed in a mysterious road accident an interview with me, she said that the accused had threatened to kill her. Her brother was killed last year. @TribalArmy pic.twitter.com/fNvJ6fomur
— Anil Tiwari (@Anil_Kumar_ti) May 27, 2024
चुनाव खत्म होने के बाद महिला पर अपनी शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया, जिसे उसके परिवार ने अस्वीकार कर दिया. पिछले साल अगस्त में हुई एक दुखद घटना में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने महिला के 18 वर्षीय भाई को पीट-पीटकर मार डाला था. हमलावरों की क्रूरता यहीं नहीं रुकी, उन्होंने लड़की की मां को भी नग्न कर दिया, जब वह अपने बेटे को बचाने की कोशिश कर रही थी. व्यापक आक्रोश के बाद, नौ लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ सख्त एससी/एसटी अधिनियम लगाया गया.
वहीं पिछले शनिवार को महिला के चाचा जो उसके भाई की भीड़ द्वारा हत्या के गवाह थे, उनको पप्पू रजक नामक व्यक्ति का फोन आया, जिसने मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए आरोपी का संदेश दिया और उसे गवाही वापस लेने और मामले को सुलझाने के लिए कहा. इस पर सहमत होने से इनकार करने पर पप्पू और पीड़िता के चाचा दोनों पर हमला किया गया, जिससे पप्पू की मौत हो गई, जबकि उसके चाचा घायल हो गए, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
नरेंद्र मोदी ने ‘कानून का राज’ खत्म कर दिया है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 28, 2024
मध्यप्रदेश में इस दलित परिवार के साथ भाजपा नेताओं ने जो किया है वो सोच कर ही मन पीड़ा और क्रोध से भर गया।
यह शर्म की बात है कि भाजपा के राज में सरकार पीड़ित महिलाओं की जगह हमेशा उनके गुनहगारों के साथ खड़ी मिलती है।
ऐसी घटनायें हर… https://t.co/rNpn5OAiOZ
पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार
परिवार द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद पांच आरोपियों आशिक कुरैशी, बबलू बेना, इसराइल बेना, फहीम खान और टंटू कुरैशी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पीड़ित की भी हुई मौत
2019 में यौन उत्पीड़न का मुकदमा दायर करने वाली लड़की की रविवार रात को शव वाहन से गिरने के बाद मौत हो गई, जो उसके चाचा के शव को ले जा रहा था. कुछ सूत्रों का कहना है कि जब वह शव को घर ला रही थी, तो उसने वैन का दरवाज़ा खोला और बाहर कूद गई.
कार्रवाई की मांग तेज
महिला की मौत ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और कांग्रेस ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है. लड़की ने पहले भी कई बार रोते हुए कहा था कि कैसे उसे आरोपी द्वारा केस वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा था. राहुल गांधी समेत शीर्ष नेताओं ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया और महिला सुरक्षा के अपने वादों को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा.


