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BJP के शीर्ष नेता मिलने का वक्त दें... उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले बोले सुदर्शन रेड्डी- मैं भाजपा से भी समर्थन मांगने को तैयार

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने सांसदों से पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर समर्थन मांगा. उन्होंने योग्यता को प्राथमिकता देने की अपील की और कहा कि अगर भाजपा नेता चाहें तो वे उनसे मिलने को तैयार हैं. रेड्डी ने लोकतांत्रिक मूल्यों, संविधान की गरिमा और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कथित अन्याय पर भी चिंता जताई.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Vice President Election India 2025 : उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने शनिवार को एक भावनात्मक और सटीक अपील करते हुए लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों से पार्टी की राजनीति से ऊपर उठकर उनके पक्ष में वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि यह चुनाव भारत के इतिहास में सबसे शालीन और निष्पक्ष चुनावों में से एक के रूप में याद किया जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता अनुमति देते हैं, तो वह व्यक्तिगत रूप से जाकर समर्थन मांगने को भी तैयार हैं.

मतदाता सूची की समीक्षा पर उठाए सवाल

रेड्डी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) पर भी चिंता जताई. उन्होंने इसे “नई मुसीबत” करार देते हुए कहा कि लोकतंत्र का अर्थ केवल बहुमत नहीं होता, और बहुमत का अर्थ यह नहीं कि कोई भी अपनी मनमानी कर सके. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया क्या वाकई पारदर्शी और निष्पक्ष है.

संविधान की आत्मा की याद दिलाई
रेड्डी ने भारतीय संविधान को 'त्रिवेणी संगम' बताते हुए कहा कि इसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, समानता और बंधुत्व जैसे मूल्य निहित हैं जिन्हें संरक्षित रखा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सभी को संविधान के इतिहास, उसकी आत्मा और संरचना को समझना चाहिए, क्योंकि यही लोकतंत्र की नींव है.

हेमंत सोरेन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना
बी. सुदर्शन रेड्डी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ की गई कार्रवाई को भी लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि बिना किसी स्पष्ट कारण के मुख्यमंत्री को जेल में डालना न केवल उनकी व्यक्तिगत गरिमा को ठेस पहुंचाना है, बल्कि यह जनता के भरोसे के साथ भी धोखा है. रेड्डी के अनुसार, लोकतंत्र में चुने गए प्रतिनिधियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार अस्वीकार्य है.

‘दक्षिण बनाम दक्षिण’ की रोचक टक्कर
उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को होने वाले चुनाव को 'दक्षिण बनाम दक्षिण' की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं. सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं, जबकि विपक्ष के प्रत्याशी जस्टिस (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना के निवासी हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं.

झारखंड से मिला विपक्षी समर्थन
रेड्डी की उम्मीदवारी को झारखंड में समर्थन मिल रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनसे रांची में मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा सर्वोपरि है. इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. राजू ने भी रेड्डी के साथ प्रेस वार्ता की और उन्हें पूरा समर्थन देने की बात कही. यह चुनाव केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की गरिमा और मूल्यों की रक्षा की कसौटी बन गया है, जिसमें योग्यता और संवैधानिक समझ का मूल्यांकन होना तय है.

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31 August 2025, 01:24 PM IST

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