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आपसे दोबारा मिलकर खुशी हुई... सालों बाद PM मोदी से मिले शी जिनपिंग, बोले- भारत और चीन को साथ आना जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन से पहले द्विपक्षीय वार्ता हुई. दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास, सम्मान और सहयोग पर जोर दिया. मोदी ने सीमा पर स्थिरता, सीधी उड़ानों की बहाली और मानसरोवर यात्रा पर बात की. जिनपिंग ने भारत को "अच्छा पड़ोसी" बताया और द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने की इच्छा जताई.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

PM Modi Jinping SCO 2025 : प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रविवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले एक अहम द्विपक्षीय मुलाकात हुई. यह मुलाकात कई मायनों में खास रही, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच करीब सात वर्षों बाद कोई सीधी बातचीत हुई है. पिछली बार 2018 में वुहान में मोदी और जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात हुई थी, जो डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिश मानी गई थी. इस बार की बातचीत का माहौल वैश्विक व्यापारिक तनाव, यूक्रेन युद्ध और भारत-चीन सीमा विवाद जैसे मुद्दों से घिरा रहा.

विश्वास और संवेदनशीलता पर PM मोदी का जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत, चीन के साथ रिश्तों को आपसी विश्वास, सम्मान और पारस्परिक संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ाना चाहता है. उन्होंने यह भी कहा कि 2.8 अरब लोगों की भलाई, भारत-चीन सहयोग से सीधे तौर पर जुड़ी है. मोदी ने संकेत दिया कि दोनों देशों के रिश्ते न सिर्फ द्विपक्षीय बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

जिनपिंग का 'ड्रैगन और हाथी' वाला संदेश
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में भारत और चीन को दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी वाले देश बताते हुए, उन्हें अच्छे पड़ोसी के रूप में मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से चीन को 'ड्रैगन' और भारत को 'हाथी' की उपमा दी, जिससे यह संकेत देने की कोशिश की गई कि दोनों बड़ी शक्तियों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व अपनाते हुए एक-दूसरे के साथ तालमेल बढ़ाना चाहिए.

सीमा पर स्थिरता और सहयोग का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में यह भी रेखांकित किया कि पिछले साल हुई सैन्य वापसी प्रक्रिया के बाद सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल हुई है. इसके साथ ही उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की इच्छा जाहिर की. यह सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. मोदी ने यह भी बताया कि भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर बातचीत का ढांचा सक्रिय है और उस पर सहमति बनी हुई है.

सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने की तैयारी
इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच एक और सकारात्मक पहल की चर्चा हुई – सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने की योजना. यह न केवल व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि दोनों देशों के बीच संपर्क को और सहज बनाएगा.

अंत में सौहार्द का आदान-प्रदान
मुलाकात के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की SCO अध्यक्षता की सराहना की और जिनपिंग को सफल आयोजन के लिए बधाई दी. मोदी ने चीन आने के आमंत्रण के लिए धन्यवाद कहा और आज की बातचीत को सकारात्मक और रचनात्मक बताया. इसके जवाब में जिनपिंग ने भी प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा, "आपसे दोबारा मिलकर खुशी हुई." यह बैठक, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति और दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से बेहद संवेदनशील समय पर हुई, दोनों ही नेताओं के बीच परस्पर संवाद की एक नई शुरुआत मानी जा रही है.

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31 August 2025, 12:34 PM IST

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