UP में रुक ही नहीं रहा सियासी ड्रामा, पढ़िए अब तक क्या-क्या हुआ

Uttar Pradesh Politics: आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली हार के बाद अब सियासी गलियारों में उथल-पुथल जारी है. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश की सियासत में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा सुनाई देने लगी है. वहीं बीते कुछ दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम को देखने के बाद यह अनुमान लगाया जा सकता है, कि यूपी बीजेपी के अंदर सब कुछ तो ठीक नहीं चल रहा है.

JBT Desk
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Uttar Pradesh Politics: लोकसभा चुनाव के 4 जून को जारी नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को 240 सीटें ही हासिल हुई थीं. इस बीच पार्टी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा था. यूपी की 80 सीटों में से भाजपा के खाते में महज 33 सीटें ही आई थी. वहीं राम मंदिर बनवाने का जिक्र करने वाली बीजेपी अयोध्या सीट भी नहीं बचा पाई. इस बीच आम चुनाव चुनाव में मिले झटके बाद बीजेपी उभरी ही थी, कि अब उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा सुनी जा रही है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम को देखने के बाद यह कयास लगाए जा सकते हैं  कि यूपी में बीजेपी के अंदर सब कुछ तो ठीक नहीं चल रहा है. इस बीच आइए समझते हैं, यूपी बीजेपी में चल रही इस सियासी खींचतान को. 

दोनों डिप्टी CM नहीं हुए शामिल 

उत्तर प्रदेश में बीजेपी के भीतर यह हालात अचानक नहीं बने हैं. आम चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार की समीक्षा को लेकर कई मंडल में बैठक की थी, जिसमें डिप्टी सीएम गायब दिखे. लोकसभा चुनाव के बाद 8 जून 2024 को यूपी में समीक्षा बैठक की गई थी, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक दोनों शामिल नहीं हुए थे. 

केशव प्रसाद मौर्य का बयान 

इसके बाद 14 जुलाई 2024 को लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है. इसके बाद आरोप लगे कि केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी विधायकों के साथ-साथ विपक्षी नेताओं से भी मिल रहे हैं.

10 सीटों पर होने हैं उपचुनाव 

यूपी के सियासी गलियारों में चल रही उथल- पुथल के बीच राज्य में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में यह उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए एक अग्निपरीक्षा मानी जा रही है. इसके लिए सीएम योगी ने 30 लोगों की टीम बनाई थी. इस टीम में राज्य के दोनों डिप्टी सीएम का नाम शामिल नहीं किया गया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई. इस बीच प्रदेश बीजेपी में संगठन और सरकार के बीच चल रही खींचतान को तब और हवा मिली जब  20 जुलाई 2024 को प्रयागराज कुंभ की तैयारियों को लेकर बैठक हुई और इसमें केशव प्रसाद मौर्य शामिल नहीं हुए.

ओपी राजभर और डिप्टी सीएम की मुलाकात

इस बीच अब देखा जा राह है कि बैठक में केवल पार्टी के ही नहीं बल्कि सहयोगियों दल के नेता भी नहीं शामिल हो रहे हैं. अभी हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2024 को अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में एनडीए सहयोगी और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर नहीं पहुंचे. सीएम की बैठक में शामिल न होकर ओपी राजभर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर मुलाकात करने पहुंचे थे. दोनों नेताओं की मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली थी. 

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27 July 2024, 10:30 PM IST

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