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वीडियो से जैश, लश्कर-ए-तैयबा के अभियानों में पाक सेना का हाथ उजागर, विदेश मंत्रालय की टिप्पणी

विदेश मंत्रालय ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के वीडियो संदेश आतंकवादियों और पाक सरकार के बीच सांठगांठ को दिखाते हैं. इनमें भारत के खिलाफ जिहाद का आह्वान और मई के सैन्य हमलों में मारे गए आतंकवादियों का जिक्र है. भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया. पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार ने द्विपक्षीय वार्ता और कूटनीति को सर्वोत्तम विकल्प बताया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में सामने आए जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के नेताओं के वीडियो संदेश आतंकवादियों और पाकिस्तानी सरकार के बीच सांठगांठ को उजागर करते हैं. इन वीडियो संदेशों में जेईएम के नेता लोगों को भारत के खिलाफ जिहाद के लिए आतंकी समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि मई में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए सैन्य हमलों ने आतंकवादी ढाँचे को कैसे प्रभावित किया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दुनिया आतंकवादियों और पाकिस्तानी सरकार व सेना के बीच सांठगांठ से अच्छी तरह वाकिफ है. इस तरह के वीडियो बयान इसे और स्पष्ट कर देते हैं." उन्होंने बताया कि इन संदेशों में जेईएम के नेताओं ने यह दावा किया कि मई के हमलों में मसूद अजहर के करीबी रिश्तेदार मारे गए और पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों को इन आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होने का निर्देश दिया.

तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर भारत की स्थिति

जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत-पाकिस्तान मुद्दों में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. यह बयान पाकिस्तान के हालिया कूटनीतिक प्रयासों और अमेरिकी मध्यस्थता के दावों को लेकर महत्वपूर्ण है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री का बयान

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 10 मई को उनसे युद्धविराम के संबंध में संपर्क किया था. डार के अनुसार, उस समय उन्हें कहा गया कि भारत के साथ किसी स्वतंत्र स्थान पर बातचीत हो सकती है. हालांकि, 25 जुलाई को वाशिंगटन में हुई मुलाकात में रुबियो ने उन्हें स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मामले द्विपक्षीय हैं.

सैन्य संघर्ष और शत्रुता का अंत

भारत के सैन्य हमलों के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे पर चार दिनों तक शत्रुता चली. 10 मई को दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सैन्य कार्रवाई समाप्त करने पर सहमति जताई. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इस सहमति में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी.

वार्ता की जरूरी है

डार ने कहा कि कूटनीति और बातचीत ही सर्वोत्तम विकल्प हैं. उन्होंने मई में अमेरिका द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका की सराहना की. डार ने यह भी कहा कि भारत के साथ कोई भी वार्ता व्यापक होनी चाहिए, जिसमें आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था और कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हों.

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20 September 2025, 10:19 AM IST

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