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वोट चोरी की शिकायत के लिए वेबसाइट और मिस्ड कॉल नंबर...चुनाव आयोग से आर-पार के मूड में राहुल गांधी

राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच फर्जी मतदाता सूची विवाद तेज, राहुल ने डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करने की मांग को जन अभियान बनाया, ECI ने झूठे आरोपों पर माफी या शपथ पत्र की चेतावनी दी, मामला कानूनी व राजनीतिक टकराव में बदल सकता है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

फर्जी मतदाता सूची मामले में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और चुनाव आयोग (ECI) के बीच विवाद गहराता जा रहा है. आयोग ने राहुल गांधी को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि या तो वे नियमों के अनुसार स्पष्ट घोषणा (Declaration) और शपथ पत्र प्रस्तुत करें, या फिर अपने “झूठे और भ्रामक” आरोपों के लिए देश से सार्वजनिक माफी मांगें. इसके बावजूद राहुल गांधी ने आयोग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इसे एक बड़े जन अभियान में बदल दिया है.

वोट चोरी लोकतंत्र पर हमला

रविवार 10 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर राहुल गांधी ने लिखा कि वोट चोरी “एक व्यक्ति, एक वोट” के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए साफ और सटीक मतदाता सूची होना अनिवार्य है.

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से डिजिटल मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग की, ताकि नागरिक और राजनीतिक दल दोनों उसका स्वतंत्र रूप से ऑडिट कर सकें. उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस अभियान में शामिल हों. इसके लिए उन्होंने votechori.in/ecdemand वेबसाइट और 9650003420 नंबर पर मिस्ड कॉल देने का विकल्प भी साझा किया. उनके मुताबिक, यह लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए है, न कि केवल एक पार्टी या नेता के हित के लिए.

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को फटकार लगाई

हाल ही में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे. इनमें उन्होंने आदित्य श्रीवास्तव नामक मामले का जिक्र किया, जिसे आयोग के अनुसार 2018 में ही निपटा दिया गया था.

आयोग का कहना है कि राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं हैं, और इससे आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं. चुनाव आयोग ने दो टूक कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास बनाए रखने के लिए किसी भी राजनीतिक नेता को आरोप लगाते समय प्रमाण और तथ्यों के साथ आना चाहिए.

राहुल गांधी का आर-पार का रुख

चुनाव आयोग की चेतावनी के बावजूद राहुल गांधी के तेवर नरम नहीं पड़े हैं. उन्होंने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर बार-बार यह मुद्दा उठाकर साफ कर दिया है कि वे इस मामले को आगे बढ़ाएंगे. कांग्रेस नेता का दावा है कि मतदाता सूची में गड़बड़ी और “वोट चोरी” का मामला केवल एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जड़ें हिलाने वाली समस्या है.

कानूनी और राजनीतिक पहलू

चुनाव आयोग के बयान से यह स्पष्ट है कि यदि राहुल गांधी नियमों के तहत घोषणा और शपथ पत्र नहीं देते या माफी नहीं मांगते, तो यह मामला कानूनी विवाद में बदल सकता है. राजनीतिक दृष्टि से, यह टकराव आने वाले समय में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए एक साझा मुद्दा बन सकता है. विपक्ष पहले ही चुनावी पारदर्शिता और EVM से जुड़े सवाल उठाता रहा है, और अब “डिजिटल मतदाता सूची” का मुद्दा भी एजेंडे में शामिल हो गया है.

जनता की भागीदारी 

राहुल गांधी का इस मामले को जन आंदोलन का रूप देने का प्रयास राजनीतिक माहौल को और गरमा सकता है. उनकी अपील के बाद इस मुद्दे पर जनता और विपक्षी दलों का समर्थन कितना बढ़ता है, यह आने वाले हफ्तों में स्पष्ट होगा. यदि बड़ी संख्या में लोग डिजिटल मतदाता सूची की मांग में शामिल होते हैं, तो चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ सकता है कि वह अपनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाए.

 

 

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10 August 2025, 03:58 PM IST

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