Operation Sindoor के दौरान हरकत में क्यों नहीं आ पाई पाकिस्तानी नौसेना...भारतीय नेवी चीफ ने खोल दी PAK की पोल
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की आक्रामक रणनीति ने पाकिस्तान नौसेना को उनके बंदरगाहों और मकऱान तट तक सीमित कर दिया. ऑपरेशन अभी भी जारी है और इसने पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव डाला है.

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने मंगलवार को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की “आक्रामक स्थिति” ने पाकिस्तान नौसेना को उनके बंदरगाहों और मकऱान तट के नज़दीक रहने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि कैरियर बैटल ग्रुप की तैनाती ने भी पाकिस्तान नौसेना को मौन बनाए रखने में प्रभावी भूमिका निभाई. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तत्काल कार्रवाई और नौसेना की रणनीतिक स्थिति ने दुश्मन को सीमित क्षेत्रों में रहने के लिए विवश किया.
ऑपरेशन सिंदूर की वर्तमान स्थिति
भारतीय सुरक्षा बलों ने 7 मई को दिया था अंजाम
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सुरक्षा बलों ने 7 मई की रात अंजाम दिया था, जिसमें आतंकवादी ढांचों को नष्ट करने के लिए पाकिस्तान के भीतर गहरी कार्रवाई की गई. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जवाब था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मार गिराए गए. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें भारत ने पाकिस्तान की सैन्य संरचना को नष्ट किया. संघर्ष 10 मई को युद्धविराम समझौते के साथ समाप्त हुआ.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणियां
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर नागरिक और सैन्य सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण था, जिसमें प्रशासनिक मशीनरी और सशस्त्र बलों ने मिलकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और जनता का विश्वास बढ़ाया. उन्होंने युवा सिविल अधिकारियों को देशहित की सुरक्षा में अपनी भूमिका को समझने और आवश्यक परिस्थितियों के लिए तैयार रहने का संदेश दिया. सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी कैंपों को संतुलित और गैर-उकसाने वाले तरीके से नष्ट किया, लेकिन पड़ोसी देश की असंवेदनशीलता के कारण सीमा की स्थिति सामान्य नहीं हो सकी.
सैन्य सहयोग से सफल हुआ ऑपरेशन
राजनाथ सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य की सराहना की, जिन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और देशभर में मॉक ड्रिल्स को सफलतापूर्वक आयोजित करने में मदद की. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक और सैन्य सहयोग से ही ऑपरेशन सिंदूर जैसी रणनीतियां प्रभावी ढंग से लागू हो सकीं.


