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एक और चुनाव हारने की कगार पर कांग्रेस, तीसरी बार भी नहीं खुलेगा खाता?, जानें एग्जिट पोल्स में किसने कितनी सीटें दीं

एग्जिट पोल में कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें चाणक्य स्ट्रैटेजीज ने दी हैं, इसके अनुसार, पार्टी को दिल्ली में 2-3 सीटें मिलने की संभावना है. मैट्रिज ने भविष्यवाणी की कि कांग्रेस एक सीट जीत सकती है. हालांकि, चुनाव के नतीजे अभी आना बाकी है. पीपुल्स पल्स एग्जिट पोल के अनुसार,कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलने की संभावना है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है. इसके साथ की राजनीतिक पार्टियों की नजरें अब चुनावी नतीजों पर हैं. इससे पहले एग्जिट पोल्स ने दिल्ली में सियासत का पारा हाई कर दिया है. ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान लगाया है. वहीं आम आदमी पार्टी भी दिल्ली में जीत की हैट्रिक लगा सकती है. इस बीच कांग्रेस को लेकर अधिकतर एग्जिट पोल्स में एक राय रही. कांग्रेस तीसरी बार भी राजधानी में शून्य पर सिमटती नजर आ रही हैं. हालांकि, उसके वोट प्रतिशत में इजाफा जरूर होता दिखाई दे रहा है. 

एग्जिट पोल में कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें चाणक्य स्ट्रैटेजीज ने दी हैं, इसके अनुसार, पार्टी को दिल्ली में 2-3 सीटें मिलने की संभावना है. मैट्रिज ने भविष्यवाणी की कि कांग्रेस एक सीट जीत सकती है. हालांकि, चुनाव के नतीजे अभी आना बाकी है. पीपुल्स पल्स एग्जिट पोल के अनुसार,कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलने की संभावना है. पीपुल्स इनसाइट ने भविष्यवाणी की है कि कांग्रेस या तो कोई सीट नहीं जीतेगी या कम से कम एक सीट जीतेगी; पी-मार्क ने भी यही भविष्यवाणी की है.

शीला दीक्षित के नाम पर चुनाव लड़ी कांग्रेस

कांग्रेस ने 2025 का दिल्ली चुनाव खुद को आप और भाजपा के एकमात्र विकल्प के रूप में पेश करते हुए लड़ा. पार्टी ने दिवंगत शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली के गौरव को बहाल करने का भी संकल्प लिया.

15 साल तक मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति के बारे में बताते हुए कहा कि शीला दीक्षित का प्रभाव दिल्ली में हर जगह स्पष्ट है, चाहे वह मेट्रो हो, बसें हों, पार्क हों. "आप सही कह रहे हैं, लेकिन 1998 में शीला जी एक अनपरखी हुई महिला थीं, कोई नहीं जानता था. उनके प्रदर्शन को उनके शासन के 15 वर्षों में दिखाया गया था, लेकिन 1998 में लोगों ने कांग्रेस में निवेश किया. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस ने शीला दीक्षित में मुख्यमंत्री बनाया और उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने समझदारी से निवेश किया है. आज भी उनकी विरासत मौजूद है, चाहे वह मेट्रो हो, या बसें, जिनका दुर्भाग्य से अब रखरखाव नहीं किया जा रहा है, लेकिन स्वच्छ ईंधन, पार्क, हर चीज में आप शीला दीक्षित को मुस्कुराते हुए देखेंगे." 

शीला दीक्षित दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाली महिला हैं, वे 15 साल (1998-2013) तक इस पद पर रहीं. उन्होंने अब परिसीमित गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जो अब नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र है. उनके बेटे संदीप दीक्षित उसी सीट से एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं . दीक्षित को वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी ने सत्ता से हटा दिया, जिसका गठन अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद हुआ था.

दिल्ली चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने देर से रणनीतिक बढ़त हासिल की

चुनावों से पहले के अंतिम सप्ताह में कांग्रेस के प्रचार अभियान में अचानक ऊर्जा का संचार हुआ, क्योंकि पार्टी ने दिल्ली में अपने वरिष्ठ नेतृत्व को तैनात कर दिया - अकेले गांधी भाई-बहन ने 28 जनवरी से 2 फरवरी के बीच 12 सार्वजनिक सभाएं कीं.

इन 25 सीटों पर रहा ज्यादा फोकस

देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 25 विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है - 12 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटें, लगभग नौ मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र और राष्ट्रीय राजधानी में मजबूत उम्मीदवारों वाली चार सीटें. जिन चार सीटों पर कांग्रेस को सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है उनमें कस्तूरबा नगर (अभिषेक दत्त का क्षेत्र), बादली (राज्य इकाई के प्रमुख देवेंद्र यादव का निर्वाचन क्षेत्र), नई दिल्ली (पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप का निर्वाचन क्षेत्र) और उत्तम नगर (पूर्व विधायक मुकेश शर्मा की सीट) शामिल हैं

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06 February 2025, 10:30 AM IST

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