प्राथमिकता से हल करना होगा...मणिपुर हिंसा पर मोहन भागवत ने दिया बड़ा बयान
Mohan Bhagwat: मोहन भागवत ने मणिपुर को लेकर कहा कि ये राज्य एक साल से शांति की राह देख रहा है. प्राथमिकता देकर उस पर विचार करना होगा. वहीं चुनाव को लेकर कहा कि ये सहमति बनाने की प्रक्रिया है.

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार(10 जून) को नागपुर में संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन में मणिपुर हिंसा और चुनाव को लेकर अहम बयान दिया है. उन्होंने मणिपुर को लेकर कहा कि ये राज्य एक साल से शांति की राह देख रहा है. प्राथमिकता देकर उस पर विचार करना होगा. बता दें, कि पछले साल 3 मई 2023 को मणिपुर में मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में कुकी समुदाय ने आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया था.जिसके बाद भड़की जातीय हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है.
भागवत ने चुनाव को लेकर कहा कि ये सहमति बनाने की प्रक्रिया है. संसद में किसी भी सवाल के दोनों पहलू सामने आए, इसलिए ऐसी व्यवस्था है. चुनाव प्रचार में एक-दूसरे को लताड़ना, तकनीक का दुरुपयोग, झूठ फैलाना ठीक नहीं है. विरोधी की जगह प्रतिपक्ष कहना चाहिए. उन्होंने कहा, चुनाव के आवेश से मुक्त होकर देश के सामने मौजूद समस्याओं पर विचार करना होगा.
सरकार बनाने पर क्या बोले भागवत?
इस दौरान भागवत ने आगे कहा कि चुनाव खत्म हुए, उसके नतीजे भी आए. कल यानि रविवार को सरकार भी बन गई. सबकुछ हो गया. लेकिन उसकी चर्चा अभी तक चल रही है. जो हुआ क्यों हुआ, कैसे हुआ, क्या हुआ. यह अपने लोकतंत्र में हर 5 साल में होने वाली घटना है. हम अपना कर्तव्य करते रहते हैं. हर साल करते हैं. हर चुनाव में करते हैं. इस बार भी किया है.
क्या है मणिपुर के मौजूदा हालात?
दरअसल जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इंफाल घाटी में मैतेई ज्यादा संख्या में हैं तो कुकी समुदाय के लोग पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे हैं. राज्य में अब भी हालात तनावपूर्ण बने हुए है जहां अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपती अब तक इस हिंसा की मार झेल रहे हैं. पिछले साल तीन मई के बाद से हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.