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पीला साफा, बंद गले का भूरा कोट...गणतंत्र दिवस पर इस अंदाज में नजर आए पीएम मोदी, जानें कैसे साल-दर-साल बदली पगड़ी

गणतंत्र दिवस के मौके पर रविवार को नई दिल्ली के कर्तव्यपथ पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में पीएम मोदी ने एक चमकीली लाल और पीली पगड़ी पहनी थी. उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ गहरे भूरे रंग का बंद गले का कोट और लाल-पीले रंग का साफा पहना. इस साल 77 वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने कई रंगों वाला राजस्थानी शैली का साफा चुना था

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

गणतंत्र दिवस के मौके पर रविवार को नई दिल्ली के कर्तव्यपथ पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पारंपरिक और रंग-बिरंगी पगड़ी पहनने की परंपरा को बनाए रखा. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में पीएम मोदी ने एक चमकीली लाल और पीली पगड़ी पहनी थी. उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ गहरे भूरे रंग का बंद गले का कोट और लाल-पीले रंग का साफा पहना. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बहुरंगी ‘बांधनी’ प्रिंट का साफा पहना था.

प्रधानमंत्री मोदी की ये पोशाक सबसे पहले तब नजर आई जब वह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचे और उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी कर्तव्य पथ पर वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड के लिए पहुंचे.

बांधनी एक प्रकार का टाई-डाई कपड़ा होता है, जो गुजरात और राजस्थान में लोकप्रिय है. यह एक ऐसी विधि है, जिसमें कपड़े को बांधकर व गांठ लगाकर रंगाई की जाती है. जार्जेट, शिफान, रेशमी व सूती कपड़े को रंग के कुंड में डालने से पहले धागे से कसकर बांधा जाता है और जब इस धागे को खोला जाता है तो बंधा हुआ हिस्सा रंगीन हो जाता है. फिर हाथ से कपड़े पर धागे के प्रयोग से डिजाइन तैयार किया जाता है.

2023 में बांधा था बहुरंगी राजस्थानी साफा

इससे पहले 2023 में मोदी ने कुर्ते और चूड़ीदार पायजामे के साथ बहुरंगी राजस्थानी साफा पहना था. इस साल 77 वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने कई रंगों वाला राजस्थानी शैली का साफा चुना था, जिसका अंतिम छोर (छेला) कमर के नीचे तक लंबा था. प्रचंड बहुमत के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटने के बाद 2019 में मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपना छठा स्वतंत्रता दिवस भाषण देते हुए बहुरंगी साफा पहना था. राजस्थानी साफा या पगड़ी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के लिए प्रधानमंत्री की पसंद रहे हैं.

2022 में उत्तराखंड की ब्रह्मकमल टोपी

2022 में पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए उत्तराखंड की एक अद्वितीय पारंपरिक टोपी चुनी थी. इस टोपी में ब्रह्मकमल बना हुआ था. ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय फूल है, जिसे प्रधानमंत्री केदारनाथ की हर यात्रा पर इस्तेमाल करते रहे हैं. इससे पहले 2021 में मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पीले बिन्दुओं वाली ‘हालारी’ पगड़ी पहनी थी. इसे जामनगर के शाही परिवार के जामसाहब की ओर से प्रधानमंत्री को भेंट किया गया था.

2014 से अब अलग-अलग साफों में नजर आए पीएम मोदी

2014 में अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण के अवसर पर उन्होंने चमकीले लाल रंग का जोधपुरी बंधेज साफा पहना. साल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने बहुरंगी लहरिया पीला साफा और 2016 में गुलाबी और पीले रंग का टाई-एंड-डाई साफा पहना था. 2017 में प्रधानमंत्री का साफा चमकीले लाल और पीले रंग का मिश्रण था. इसमें चारों ओर सुनहरी रेखाएं थीं. उन्होंने 2018 में लाल किले पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए केसरिया साफा पहना था. कच्छ के चमकीले लाल रंग के बांधनी साफे से लेकर पीले रंग का राजस्थानी साफा, गणतंत्र दिवस पर मोदी के पहनावे के प्रमुख आकर्षण रहे हैं.

गणतंत्र दिवस पर दी खास शुभकामनाएं

गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने एक पोस्ट में लिखा, 'आज हम अपनी महान गणराज्य की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर, हम उन महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने हमारे संविधान को बनाया और सुनिश्चित किया कि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो. हमें उम्मीद है कि यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को बनाए रखेगा और एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूत करेगा.'

बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राजकीय समारोह में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ कर्तव्य पथ पहुंचीं थीं और तिरंगा फहराया, इसके बाद कर्तव्य पथ पर परेड शुरू हुई. इस साल के गणतंत्र दिवस के समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए हुए हैं. 

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26 January 2025, 02:02 PM IST

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