'बस मज़ाक था', वायरल वीडियो पर इमैनुएल मैक्रों की सफाई
क्लिप के वायरल होने के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने पत्रकारों से कहा कि पत्नी ब्रिजिट के साथ हुआ पल सिर्फ़ मज़ाक था, जिसे गलत समझा गया. उन्होंने इसे हल्के-फुल्के पल को तोड़-मरोड़कर पेश करने की साजिश बताया और गलत सूचना फैलाने वालों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों के साथ किसी भी तरह के घरेलू विवाद की अफवाहों को सिरे से खारिज किया है. वियतनाम की राजधानी हनोई में विमान से उतरते समय शूट की गई एक छोटी सी वीडियो क्लिप ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, जिसमें ब्रिजिट का हाथ उनके चेहरे की तरफ जाता दिख रहा है. कई यूज़र्स ने इसे थप्पड़ की तरह देखा, लेकिन मैक्रों ने इसे हल्के-फुल्के मज़ाक का हिस्सा बताया.
सोमवार को वायरल हुए इस वीडियो में दिखा कि जैसे ही राष्ट्रपति विमान से बाहर आए, फ्रेम से बाहर मौजूद ब्रिजिट का हाथ उनके चेहरे पर तेज़ी से जाता है. राष्ट्रपति थोड़ी देर के लिए चौंकते हैं, लेकिन फिर तुरंत मुस्कुराते हुए कैमरे की ओर हाथ हिलाते हैं. इस फुटेज के सामने आते ही अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया और सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं.
पत्नी के धक्के पर मैक्रों ने तोड़ी चुप्पी
पत्रकारों से बातचीत में मैक्रों ने साफ़ किया कि यह कोई हिंसक या झगड़े वाला पल नहीं था, बल्कि वह और उनकी पत्नी सिर्फ़ मज़ाक कर रहे थे. उन्होंने कहा, "हम झगड़ नहीं रहे थे, हम मज़ाक कर रहे थे. मैं ज़रा हैरान रह गया था, लेकिन यह हमारी निजी मस्ती का हिस्सा था."
फ्लाइट से उतरते ही पत्नी ने मारा थप्पड़?
राष्ट्रपति ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उनके किसी वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के हफ्तों में उनके कम-से-कम तीन वीडियो क्लिप को जानबूझकर गलत संदर्भ में फैलाया गया. मैक्रों ने साफ तौर पर “रूसी नेटवर्क” और “फ्रांस के घरेलू चरमपंथियों” पर आरोप लगाया कि वे उनके खिलाफ भ्रामक प्रचार कर रहे हैं.
वायरल क्लिप पर मैक्रों का पलटवार
एलिसी पैलेस ने भी आधिकारिक बयान में इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति और उनकी पत्नी यात्रा शुरू होने से पहले मस्ती कर रहे थे, और उस पल को गलत ढंग से कैद कर लिया गया. गौरतलब है कि वियतनाम, राष्ट्रपति मैक्रों के दक्षिण-पूर्व एशिया दौरे का पहला पड़ाव है. यह लगभग एक दशक बाद किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की वहां यात्रा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में फ्रांस की भूमिका को अमेरिका और चीन के विकल्प के रूप में मजबूत करना है.


