'कोई खूनी गलियारा नहीं', बांग्लादेश सेना प्रमुख ने युनूस सरकार को दी सख्त चेतावनी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने म्यांमार के राखीन राज्य में 'मानवीय गलियारा' स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान ने बांग्लादेश की संप्रभुता के लिए खतरे के रूप में देखा. विपक्षी दलों ने भी इस निर्णय पर आपत्ति जताई है. राखीन राज्य में जारी संघर्ष और रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति को देखते हुए, बांग्लादेश की सुरक्षा और स्थिरता के लिए यह मुद्दा महत्वपूर्ण बन गया है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान के बीच म्यांमार के राखीन राज्य में प्रस्तावित 'मानवीय गलियारा' को लेकर गंभीर मतभेद उभरकर सामने आए हैं. यह विवाद बांग्लादेश की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बन गया है.
राखीन गलियारा: प्रस्ताव और विवाद
संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार के राखीन राज्य में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए बांग्लादेश से एक 'मानवीय गलियारा' स्थापित करने का आग्रह किया था. इस प्रस्ताव पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन के माध्यम से सहमति जताई थी. हालांकि, यह निर्णय बिना व्यापक राजनीतिक परामर्श के लिया गया, जिससे विपक्षी दलों और नागरिक समाज में चिंता और विरोध उत्पन्न हुआ.
सेना प्रमुख की कड़ी चेतावनी
जनरल वकर-उज़-ज़मान ने अंतरिम सरकार के इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने इसे 'खूनी गलियारा' कहा है. उन्होंने इसे बांग्लादेश की संप्रभुता के लिए खतरे के रूप में देखा और स्पष्ट किया कि बांग्लादेश की सेना किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगी जो राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हो. उन्होंने अंतरिम सरकार से शीघ्र चुनाव कराने और सेना को महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल करने की भी मांग की.
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस प्रस्तावित गलियारे पर गंभीर आपत्ति जताई है. BNP के वरिष्ठ नेता हाफिजुद्दीन अहमद ने इसे बांग्लादेश को युद्ध में घसीटने का प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसके अतिरिक्त, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार ने इस महत्वपूर्ण निर्णय पर राजनीतिक दलों से परामर्श नहीं किया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन है.
राखीन राज्य की स्थिति
राखीन राज्य में म्यांमार की सेना और अराकान आर्मी के बीच संघर्ष जारी है, जिसके परिणामस्वरूप लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं. बांग्लादेश में लगभग 1.3 मिलियन रोहिंग्या शरणार्थी पहले से ही रह रहे हैं. इस स्थिति में, बांग्लादेश की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, लेकिन किसी भी निर्णय को लेकर राष्ट्रीय सहमति और सुरक्षा की प्राथमिकता होनी चाहिए.


