'रूस आपकी अर्थव्यवस्था को कुचल देगा', अमेरिकी सीनेटर ने भारत और चीन को दी चेतावनी
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने चेतावनी दी कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर ट्रंप भारी टैरिफ़ लगा सकते हैं. भारत, चीन और ब्राजील पर 500 प्रतिशत टैरिफ़ का प्रस्ताव रखा. भारत ने नाटो की चेतावनी पर जवाब दिया, कहा ऊर्जा ज़रूरतें प्राथमिकता हैं.

अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने हाल ही में चेतावनी दी है कि यदि रूस के साथ व्यापार जारी रखने वाले देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया, तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत, चीन और अन्य देशों पर भारी टैरिफ़ लगा सकते हैं. रिपब्लिकन सांसद ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन रूस के व्यापारिक साझेदारों पर 100 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की योजना बना रहा है, जिससे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध प्रयासों को और समर्थन मिलेगा.
रूस से व्यापार करने वाले देशों पर दबाव
लिंडसे ग्राहम ने एक विधेयक भी प्रस्तावित किया था जिसमें भारत, चीन, और अन्य देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की बात की गई थी, जो रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं. फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "यदि आप रूस से तेल खरीदते रहेंगे, तो हम आपकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देंगे." ग्राहम का आरोप था कि इन देशों—भारत, चीन और ब्राजील—की रूस से कच्चे तेल की खरीदारी पुतिन के युद्ध अभियानों को वित्तीय समर्थन देती है और उसे चलाए रखती है. उन्होंने कहा, "ये देश पुतिन की युद्ध मशीन को चालू रखते हैं, जिससे युद्ध जारी रहता है."
ग्राहम ने आगे कहा, "आप जो कर रहे हैं वह खून का पैसा है." वह मानते हैं कि पुतिन तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कोई उन्हें रोक नहीं लेता. ग्राहम ने रूस को चेतावनी दी कि पुतिन ने ट्रंप प्रशासन के साथ जोखिम लिया है और अब उन्हें भारी परिणाम भुगतने होंगे.
पूर्व सोवियत संघ की पुनर्निर्माण की कोशिश
ग्राहम ने पुतिन पर आरोप लगाया कि वह उन देशों को अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं जो पहले उनके थे. उन्होंने 90 के दशक का उदाहरण देते हुए कहा कि यूक्रेन ने रूस के साथ संप्रभुता का समझौता करते हुए 1,700 परमाणु हथियार त्यागे थे, लेकिन पुतिन ने अपनी प्रतिबद्धताओं को तोड़ते हुए यूक्रेन पर आक्रमण किया.
नाटो की बढ़ती हताशा
यह बयान ट्रंप प्रशासन की बढ़ती हताशा को दर्शाते हैं, क्योंकि युद्ध को समाप्त करने के लिए ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन ही प्रयास शुरू किया था. लेकिन अब तक युद्ध और भी बदतर हो चुका है, रूस यूक्रेनी शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले तेज़ कर चुका है. ट्रम्प ने पिछले हफ्ते रूस पर दबाव बनाने के लिए नए हथियारों की घोषणा की और 50 दिनों में शांति समझौते का वादा न करने पर रूस के तेल खरीदारों पर 100 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की धमकी दी.
भारत की प्रतिक्रिया
नाटो महासचिव मार्क रूट ने भी ब्राजील, चीन और भारत को चेतावनी दी है कि यदि वे रूस से व्यापार जारी रखते हैं, तो उन पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए जाएंगे. रूट ने इन देशों को पुतिन से शांति वार्ता की गंभीरता पर जोर देने की सलाह दी.
भारत ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे रूस के साथ व्यापार पर किसी प्रकार के प्रतिबंधों के खिलाफ हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम इस मामले में दोहरे मानदंडों के प्रति जागरूक हैं. हमारी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है." भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह वैश्विक परिस्थितियों के अनुरूप अपने फैसले करेगा, और किसी भी प्रकार के दोहरे मानदंडों से बचने का प्रयास करेगा.


