'तो युद्ध भी लड़ना होगा', पेरिस में प्रियंका चतुर्वेदी का पाकिस्तान पर तीखा हमला
पेरिस में प्रियंका चतुर्वेदी ने आतंकवाद पर सख्त रुख दिखाया. उन्होंने कहा, हम गांधी-बुद्ध की नहीं, कृष्ण की भूमि से भी आते हैं. यदि धर्म बचाना है तो युद्ध भी जरूरी है. पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अब भारत चुप नहीं रहेगा, जवाब देगा.

फ्रांस के पेरिस में भारतीय प्रवासियों के साथ संवाद के दौरान शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का गुस्सा और दर्द साझा किया. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत की 1.4 अरब आबादी आतंकवाद को लेकर एकमत है और अब पूरी दुनिया को यह समझना होगा कि इस समस्या की जड़ कहां है.
प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि वह महाराष्ट्र से आती हैं और मुंबई जैसे शहर की प्रतिनिधि हैं, जिसने 26/11 जैसे भयावह आतंकी हमले का सामना किया है. उन्होंने कहा, "मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में 160 से अधिक निर्दोष नागरिक मारे गए. हम जानते हैं कि यह हमला कहां से आया था और इसकी जड़ें किन ताकतों से जुड़ी थीं."
"आतंक की जड़ें पाकिस्तान में हैं"
चतुर्वेदी ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि आज का आतंकवाद उसी जमीन से पनपता है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान न केवल आतंकवादियों को प्रशिक्षण देता है बल्कि उन्हें आर्थिक सहायता और सुरक्षित पनाहगाह भी प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देशों का दुश्मन एक ही है – आतंकवाद.
"महात्मा गांधी की धरती, पर कृष्ण की भी भूमि है"
प्रियंका ने एक भावुक टिप्पणी में कहा, "मैं उसी धरती से आती हूं जहां से महात्मा गांधी आते हैं, जो अहिंसा का प्रतीक हैं. लेकिन हम कृष्ण की धरती से भी आते हैं. महाभारत में अर्जुन को कृष्ण ने कहा था कि अगर धर्म की रक्षा करनी है तो युद्ध भी जरूरी है." उन्होंने कहा कि भारत अब चुप नहीं रहेगा और न ही दुनिया को चुप रहने देना चाहिए.
"पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराना ही होगा"
शिवसेना सांसद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की मांग की. उन्होंने कहा, “चाहे अमेरिका में 9/11 हो, यूरोप के शहरों में ब्लास्ट्स हों या भारत में आतंकी हमले—इन सबके पीछे एक समान लिंक है और वो है पाकिस्तान.” उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया जाए और उस पर कड़ी कार्रवाई हो.
भारत और फ्रांस– साझी पीड़ा, साझा संघर्ष
अपने संबोधन के अंत में प्रियंका चतुर्वेदी ने फ्रांस के नागरिकों के प्रति सहानुभूति जताई और कहा कि भारत की तरह फ्रांस भी आतंकवाद की मार झेल रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भारत या फ्रांस की लड़ाई नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा का मामला है.
साफ संदेश: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों दुनिया के देश
प्रियंका चतुर्वेदी के शब्दों ने भारत की भावनाओं को आवाज दी और पेरिस में उपस्थित भारतीय समुदाय के बीच गूंज उठे. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की ज़रूरत को रेखांकित किया और पाकिस्तान की भूमिका पर कठोर सवाल खड़े किए.


