'बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाना चाहती हो', भीड़ ने पत्रकार को घेर किया परेशान
बांग्लादेश में एक पत्रकार को भीड़ ने घेरकर परेशान किया. भीड़ ने पत्रकार पर भारत समर्थक होने का आरोप लगाया और कहा कि वह बांग्लादेश को भारत में मिलाने का प्रयास कर रही हैं. बता दें कि बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है.

बांग्लादेश इन दिनों अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. हर दिन बांग्लादेश के किसी न किसी हिस्से में हिदू मंदिरों और हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आती रहती हैं. इस बीच भीड़ ने एक बांग्लादेशी पत्रकार को घेर लिया और परेशान करना शुरू कर दिया. भीड़ ने पत्रकार पर बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार मुन्नी साहा को जनता टॉवर स्थित मीडिया कार्यालय से बाहर निकलते ही भीड़ ने घेर लिया. भीड़ ने उनका रास्ता रोक दिया और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की. इसके तुरंत बाद पुलिस को बुलाया गया और शनिवार रात करीब 10 बजे साहा को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उसे तेजगांव पुलिस स्टेशन ले जाया गया और फिर ढाका मेट्रोपॉलिटन डिटेक्टिव ब्रांच के कार्यालय में भेज दिया गया.
आरक्षण विरोधी प्रदर्शन मामले में हैं वांछित
हंगामा मचने के बाद वहां पर पुलिस दल पहुंचा और पत्रकार को हिरासत में ले लिया. रिपोर्ट के अनुसार मुन्नी साहा आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक छात्र की मौत से जुड़े मामले में वांछित थीं. इन्हीं प्रदर्शनों के कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपदस्थ होना पड़ा था.
पुलिस ने वहां की मीडिया को बताया कि साहा को ढाका के कावरान बाजार इलाके से बचाया गया, जहां भीड़ ने उन्हें घेर लिया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बांग्लादेशी समाचार पत्र से कहा, 'लोगों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया. उन्हें घबराहट का दौरा पड़ा. हमने उनकी स्वास्थ्य स्थिति और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें रिहा कर दिया कि वह एक महिला पत्रकार हैं.'
কারওয়ানবাজার থেকে সাংবাদিক মুন্নী সাহা গ্রেপ্তার |
— Md. Sohel Rana (@mdsohelrana7707) December 1, 2024
Munni Saha Arrest | Channel 24 pic.twitter.com/xq7x0HHkzd
'भीड़ की कैद' में महिला पत्रकार
भीड़ ने ढाका में जब पत्रकार मुन्नी साहा को घेर लिया और उन पर गलत सूचना फैलाने और "बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने के लिए काम करने" का आरोप लगाया, तो वह कहती रहीं, "यह भी मेरा देश है."लेकिन भीड़ ने उनकी एक न सुनी. आख़िरकार पुलिस की एक टीम आई और महिला पत्रकार को 'भीड़ की कैद' से छुड़ाया. हैरानी की यह देखने को मिली कि इसके बाद ढाका पुलिस ने मुन्नी साहा को हिरासत में ले लिया और थाने ले गई.
पैनिक अटैक का करना पड़ा सामना
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी रेजाउल करीम मल्लिक ने द डेली स्टार न्यूजपेपर को बताया, "लोगों ने साहा को पुलिस को सौंप दिया. उन्हें पैनिक अटैक का सामना करना पड़ा. हमने उनकी हेल्थ कंडीशन और बात को ध्यान में रखते हुए कि वह एक महिला पत्रकार है, उसे रिहा कर दिया है. साहा को अदालत से जमानत लेने और भविष्य में पुलिस सम्मन का पालन करने के लिए कहा गया है."


