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तुर्किये के 13 प्रांतों में 108 छापे, सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 6 ISIL आतंकी ढेर...3 पुलिसकर्मी शहीद

तुर्किये में ISIL के खिलाफ बड़े सुरक्षा अभियान के दौरान छह आतंकवादी मारे गए, जबकि मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की जान चली गई. गृह मंत्रालय के अनुसार एक ही रात में 13 प्रांतों में 108 छापे मारे गए. छुट्टियों के दौरान संभावित आतंकी हमलों की आशंका के चलते कार्रवाई तेज की गई है. तुर्किये और अमेरिका दोनों ISIL नेटवर्क पर लगातार दबाव बना रहे हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : तुर्किये के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में आतंकवादी संगठन ISIL (ISIS) के खिलाफ सुरक्षा बलों ने एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस ऑपरेशन में छह ISIL आतंकवादियों को मार गिराया गया, हालांकि इस दौरान तीन बहादुर पुलिसकर्मियों की जान भी चली गई. तुर्किये के गृह मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इस अभियान की पुष्टि की है. गृह मंत्री अली येरलिकाया के अनुसार, यह कार्रवाई किसी एक इलाके तक सीमित नहीं थी, बल्कि एक ही रात में देश के 13 अलग-अलग प्रांतों में ISIL के ठिकानों पर एक साथ 108 छापे मारे गए.

यालोवा प्रांत में हुई सबसे भीषण मुठभेड़

इन सभी छापों में सबसे गंभीर और हिंसक मुठभेड़ यालोवा प्रांत के एलमालिक गांव में देखने को मिली. यह इलाका इस्तांबुल के दक्षिण में स्थित एक रिहायशी क्षेत्र है, जहां आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिली थी. सोमवार तड़के करीब दो बजे पुलिस टीम ने एक संदिग्ध मकान पर छापा मारा. जैसे ही पुलिस घर के अंदर दाखिल हुई, वहां मौजूद ISIL आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया.

मौके पर मारे गए 6 आतंकवादी 
इस मुठभेड़ में छह आतंकवादी मौके पर ही मारे गए, जबकि तीन पुलिस अधिकारी शहीद हो गए. इसके अलावा आठ पुलिसकर्मी और एक नाइट वॉचमैन घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी मौके पर तैनात किया गया था.

छुट्टियों के दौरान बढ़े खतरे के चलते कार्रवाई तेज
तुर्किये में इस समय छुट्टियों का दौर चल रहा है और इसी को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित आतंकी खतरे को लेकर बेहद सतर्क हैं. खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि ISIL के स्लीपर सेल, यानी छिपे हुए नेटवर्क, छुट्टियों के दौरान हमलों की योजना बना रहे हैं. आशंका जताई गई थी कि आतंकी गैर-मुस्लिम समुदायों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बना सकते हैं. इसी इनपुट के आधार पर ISIL के खिलाफ देशभर में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया गया.

इससे पहले भी तुर्किये में ISIL के खिलाफ लगातार कार्रवाई होती रही है. बीते गुरुवार को देशभर में 124 स्थानों पर छापे मारे गए थे, जिनमें 115 संदिग्ध ISIL समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था. अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.

सीरिया में अमेरिका की समानांतर कार्रवाई
ISIL के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव बढ़ता नजर आ रहा है. इसी बीच अमेरिका ने सीरिया में ISIL के ठिकानों पर बड़े सैन्य हमले किए हैं. अमेरिकी सेना ने मध्य और उत्तर-पूर्वी सीरिया में 70 से अधिक आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. ये हमले उस घटना के बाद किए गए, जिसमें सीरिया के पलमायरा शहर में दो अमेरिकी सैनिकों और एक दुभाषिए की मौत हो गई थी. अमेरिका का कहना है कि ISIL अभी भी क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है.

तुर्किये की रणनीति और सीमा सुरक्षा
तुर्किये की सीरिया से लंबी और संवेदनशील सीमा लगती है, जिसके चलते वह वर्षों से ISIL के खिलाफ सख्त अभियान चला रहा है. तुर्किये का दावा है कि 2019 में इराक और सीरिया में ISIL की हार के बाद उसके कई आतंकवादी तुर्किये में आकर छिप गए थे. मार्च महीने में की गई पिछली कार्रवाइयों के दौरान मात्र दो हफ्तों में 47 प्रांतों से करीब 300 संदिग्ध ISIL सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.

तुर्किये सरकार का साफ कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है और देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. हालिया कार्रवाई इसी सख्त रुख का संकेत मानी जा रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि तुर्किये आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह सक्रिय और सतर्क है.

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