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जेन जेड के विरोध प्रदर्शन में जलकर खाक हो गया 8 अरब का आलीशान होटल, जानें नेपाल में कितनी संपत्ति का हुआ नुकसान

काठमांडू का हिल्टन होटल ‘जेन ज़ेड’ प्रदर्शनकारियों द्वारा आग लगने के कारण पूरी तरह नष्ट हो गया. सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों में कई महत्वपूर्ण इमारतें जल गईं. इस घटना ने नेपाल के पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित हिल्टन होटल, जो कभी शहर की सबसे ऊंची और भव्य इमारतों में से एक था, अब सिर्फ जले हुए खंडहर के रूप में बचा है. मंगलवार को नेपाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ‘जेन जेड’ समूह के प्रदर्शनकारियों ने इस पांच सितारा होटल में आग लगा दी, जो दो दिन तक लगातार जलती रही. बुधवार शाम को ड्रोन से ली गई तस्वीरों में इस भव्य होटल के बुनियादी ढांचे से अभी भी धुआं उठता हुआ नजर आया, जो इस हमले की भयानकता को दर्शाता है.

प्रदर्शन और हिंसा की जड़ें

नेपाल में यह हिंसक विरोध प्रदर्शन सोमवार से शुरू हुए थे, जब सरकार ने 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. हालांकि कुछ समय बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया, लेकिन इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन भड़क उठे. इन हिंसक प्रदर्शनों में कथित तौर पर 31 लोग मारे गए और 1,033 से अधिक लोग घायल हुए.

‘जेन जेड’ समूह के तहत विरोध प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और राजधानी काठमांडू में कई महत्वपूर्ण इमारतों को निशाना बनाया. इनमें संघीय संसद भवन, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का आवास और हिल्टन होटल भी शामिल था, जिसे आग के हवाले कर दिया गया.

हिल्टन होटल

हिल्टन होटल काठमांडू के नक्सल क्षेत्र में स्थित था, जो शहर के केंद्र में आता है. यह होटल जुलाई 2024 में खोला गया था और नेपाल के आतिथ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा था. यह लगभग ₹8 अरब के निवेश से शंकर ग्रुप द्वारा बनाया गया था, जिसकी योजना निर्माण कार्य लगभग सात साल पहले शुरू हुआ था.

होटल त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से केवल चार किलोमीटर की दूरी पर था और आसपास काठमांडू दरबार स्क्वायर, पाटन दरबार स्क्वायर, पशुपतिनाथ मंदिर, स्वयंभूनाथ जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों के नजदीक था.

सुविधाएं और खासियतें

हिल्टन होटल में कुल 172 कमरे थे, जिनमें कई प्रकार के सुइट और अतिथि कक्ष शामिल थे. यह एकमात्र ऐसा होटल था जिसका अग्रभाग पूरी तरह से कांच का बना था, जिससे हिमालय की लांघटांग घाटी सहित पर्वतीय श्रृंखलाओं का अद्भुत दृश्य दिखाई देता था.

यह होटल कई आधुनिक सुविधाओं से लैस था, जैसे कंसीयज सेवा, स्पा, फिटनेस सेंटर, ईवी चार्जिंग स्टेशन, मीटिंग रूम, मुफ्त वाई-फाई, कार्यकारी लाउंज, आउटडोर पूल, रूफटॉप बार और पूरे दिन खुला रहने वाला रेस्तरां.

अब सिर्फ खंडहर

जो होटल नेपाल की आधुनिकता और पर्यटन में प्रगति का प्रतीक था, वह अब मात्र जली हुई इमारत का मलबा बनकर रह गया है. इस हिंसा ने न केवल एक प्रतिष्ठित संरचना को तहस-नहस किया बल्कि देश के आतिथ्य क्षेत्र को भी भारी क्षति पहुंचाई है.

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11 September 2025, 03:34 PM IST

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