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पाकिस्तान की सत्ता की लड़ाई में नया मोड़, असीम मुनीर ने इमरान खान पर कसा शिकंजा

पाकिस्तान में सेना प्रमुख आसिम मुनीर के मजबूत होते प्रभाव के बीच इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पूर्व ISI प्रमुख फैज हामिद की सजा और संभावित गवाही से इमरान पर देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगने का खतरा गहरा गया है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः पाकिस्तान की मौजूदा राजनीति में सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को सबसे ताकतवर व्यक्ति माना जा रहा है. प्रधानमंत्री पद से इमरान खान की विदाई और उनकी गिरफ्तारी के बाद अब मुनीर उनके खिलाफ और सख्त कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ते दिख रहे हैं. हाल ही में संकेत मिल रहे हैं कि इमरान खान को देशद्रोह जैसे गंभीर आरोपों में फंसाने की तैयारी की जा रही है, जिसके तहत उन्हें आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक का सामना करना पड़ सकता है.

पूर्व ISI प्रमुख फैज हामिद की सजा

इस पूरी कहानी में एक अहम किरदार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद हैं. गुरुवार को फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (FGCM) ने उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्तता सहित चार मामलों में 14 साल की जेल की सजा सुनाई. इसके साथ ही मई 2023 में हुए हिंसक प्रदर्शनों में उनकी भूमिका की अलग से जांच भी जारी है, जिनमें सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए गए थे.

इमरान के खिलाफ गवाही देने की अटकलें

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के पूर्व नेता और सीनेटर फैसल वावडा ने दावा किया है कि फैज हामिद जेल में बंद इमरान खान के खिलाफ गवाही दे सकते हैं. एक टीवी कार्यक्रम में वावडा ने कहा कि पूर्व ISI प्रमुख के पास ऐसे सबूत हैं, जो इमरान के लिए कानूनी मुश्किलें और बढ़ा सकते हैं. उनके मुताबिक, फैज हामिद अब खुद को बचाने के लिए पूरा सच सामने ला सकते हैं.

9 मई की हिंसा और साजिश के आरोप

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इमरान खान और फैज हामिद पर 9 मई 2023 को हुई हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया है. इस दिन इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिनमें लाहौर स्थित कोर कमांडर हाउस और रावलपिंडी के जनरल मुख्यालय को निशाना बनाया गया था. रक्षा मंत्री का कहना है कि ये घटनाएं सेना प्रमुख के रूप में आसिम मुनीर की नियुक्ति को कमजोर करने की कोशिश थीं.

फैज हामिद का प्रभाव

ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि फैज हामिद सेवानिवृत्ति के बाद भी काफी प्रभावशाली बने हुए थे और उनके समर्थन के बिना इमरान खान अकेले इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई नहीं कर सकते थे. सेना के भीतर यह धारणा मजबूत हो रही है कि राजनीतिक अस्थिरता के पीछे एक संगठित साजिश थी.

मुनीर और इमरान का पुराना टकराव

दिलचस्प तथ्य यह है कि आसिम मुनीर को ISI प्रमुख बनाए जाने के कुछ ही महीनों बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें पद से हटा दिया था. कहा जाता है कि मुनीर ने इमरान की पत्नी बुशरा बीबी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच शुरू की थी, जिससे नाराज होकर उन्हें 2019 में हटा दिया गया. ISI प्रमुख के रूप में मुनीर का कार्यकाल महज आठ महीने का रहा.

देशद्रोह का खतरा मंडराया

अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान की सरकार गिर गई थी. उनके समर्थकों का आरोप है कि इसमें सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका थी. बाद में नवंबर 2022 में आसिम मुनीर को सेना प्रमुख नियुक्त किया गया. अब यदि फैज हामिद इमरान के खिलाफ सेना-विरोधी साजिश के सबूत पेश करते हैं, तो पूर्व प्रधानमंत्री पर देशद्रोह का मुकदमा चल सकता है. पाकिस्तानी कानून के तहत यह अपराध सबसे गंभीर श्रेणी में आता है, जिसमें मौत की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान है.

आगे क्या होगा?

पाकिस्तान की राजनीति और सेना के रिश्तों में यह टकराव आने वाले समय में और गहराने की आशंका है. इमरान खान का भविष्य अब काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि फैज हामिद क्या बयान देते हैं और अदालतें इन आरोपों को कैसे देखती हैं.

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13 December 2025, 08:23 AM IST

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