आठ महीने से मिलने नहीं दे रहे...इमरान खान की बहनों ने जेल के बाहर किया प्रदर्शन, बोले- भाई को यातनाएं दी जा रही
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनों ने अदियाला जेल के बाहर प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्हें नियमित मुलाकात की अनुमति नहीं मिली. परिवार का आरोप है कि खान को अलग-थलग कर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है, जबकि प्रशासन का दावा है कि वे निर्धारित समय के बाद पहुंची थीं.

नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनों ने मंगलवार को अदियाला जेल के बाहर धरना दिया, जब जेल प्रशासन ने उन्हें नियमित मुलाकात की अनुमति नहीं दी. प्रशासन के इस रवैये ने हिरासत में इमरान खान के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं. 73 वर्षीय इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली जेल में बंद हैं, जहां उन पर कई मामलों में सुनवाई जारी है.
इमरान खान की बहनें नोरीन, अलीमा और उजमा नियत दिन की मुलाकात के लिए जेल पहुंचीं, लेकिन उन्हें चेकपॉइंट पर ही रोक दिया गया. अलीमा खान ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि उनके भाई को जानबूझकर अलग-थलग रखा जा रहा है और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है. उनके अनुसार, “हम महीनों से नियमित रूप से आ रहे हैं, लेकिन हमें उनसे मिलने नहीं दिया जाता. यह उनके साथ गंभीर अन्याय है.”
पीटीआई नेताओं की भागीदारी से बढ़ा विरोध
कुछ दिन पहले 20 मिनट के लिए हुई थी मुलाकात
इस विवाद से कुछ दिन पहले उज़मा खान को अपने भाई से लगभग 20 मिनट के लिए मिलने दिया गया था. मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि इमरान खान शारीरिक रूप से ठीक दिख रहे थे, मगर मानसिक दबाव और तनाव झेल रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो राजनीतिक तनाव को और बढ़ाता है.
सेना और इमरान खान के बीच बढ़ती तल्खी
उज़मा के आरोपों के बाद सेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना के प्रवक्ता ने इमरान खान का नाम लिए बिना उनकी कड़ी आलोचना की और उन्हें “आत्ममुग्ध और मानसिक रूप से अस्वस्थ” करार दिया. इससे दोनों पक्षों के बीच पहले से चल रहे तनाव में और इज़ाफा हुआ है.
सरकार बनाम पीटीआई का नया टकराव
इमरान खान से मुलाक़ात को लेकर खड़ा हुआ यह विवाद अब सरकार और पीटीआई के बीच राजनीतिक संघर्ष का नया मुद्दा बन गया है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि परिवारिक मुलाक़ातों का इस्तेमाल राजनीतिक संदेशों को बाहर भेजने के लिए किया जा रहा है. वहीं पीटीआई का दावा है कि इमरान खान को अलग-थलग करना और उनसे मुलाक़ातें रोकना उनके मनोबल को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा है.


