score Card

अफगानिस्तान में 13 वर्षीय बच्चे ने परिवार के हत्यारे को मारी गोली, 80 हजार लोगों ने देखा LIVE फांसी

अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में एक 13 साल का लड़का ने एक आदमी को गोली मार दी, जिसे उसके परिवार के 13 लोगों की हत्या का दोषी ठहराया गया था. लगभग 80,000 लोग मैदान में इकट्ठा होकर यह सार्वजनिक फांसी देखने आए. यह फांसी अफगानिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दी थी और तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने इसकी मंजूरी दी थी.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत खैस्त से एक रौंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक सार्वजनिक फांसी को विशाल भीड़ के सामने अंजाम दिया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को एक व्यक्ति को 13 लोगों जिनमें नौ बच्चे शामिल थे की हत्या के अपराध में खैस्त के खेल स्टेडियम में मौत की सजा दी गई. चौंकाने वाली बात यह है कि इस फांसी को उन पीड़ितों में से एक 13 वर्षीय लड़के ने अंजाम दिया.

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा को जन्म दिया है. संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक रिचर्ड बेनेट ने इसे अमानवीय, क्रूर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के विपरीत बताया. तालिबान के 2021 में सत्ता में लौटने के बाद यह 11वीं न्यायिक फांसी बताई जा रही है.

कितने लोगों ने देखा मृत्युदंड

तालिबान अधिकारियों के अनुसार, फांसी दिए गए व्यक्ति की पहचान मंगाल के रूप में हुई है, जिसे अफगानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराया था और तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने इसे मंजूरी दी थी. खैस्त प्रांत के तालिबान गवर्नर के प्रवक्ता मोस्तघफर गुरबज ने बताया कि मंगाल को अब्दुल रहमान और उसके परिवार के 13 सदस्यों की हत्या का दोषी पाया गया था.

सामने आए वीडियो में हजारों लोग स्टेडियम के भीतर और बाहर खचाखच भरे दिखाई देते हैं, और जैसे ही पांच गोलियों की आवाज गूंजी, भीड़ धार्मिक नारे लगाने लगी. सुप्रीम कोर्ट के प्रेस बयान में बताया गया कि मंगाल ने अब्दुल रहमान और उसके परिवार को जानबूझकर मारा था.

 परिवार ने क्यों ठुकराई माफी की पेशकश?

तालिबान अधिकारियों के अनुसार, आरोपी के खिलाफ मुकदमा पहली अदालत, अपीलीय अदालत और सुप्रीम कोर्ट तक चला. पीड़ित परिवार को माफी या मेल-मिलाप का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने मृत्युदंड की मांग की. स्थानीय स्रोतों के हवाले से बताया कि फांसी पीड़ित परिवार के 13 वर्षीय लड़के ने दी, जिसे पहले यह पूछा गया था कि क्या वह आरोपी को माफ करना चाहता है. उसके मना करने के बाद उसने गोली चलाकर मंगाल को मौत के घाट उतार दिया. खैस्त पुलिस प्रवक्ता ने पुष्टि की कि यह मामला एक पूरे परिवार जिसमें नौ बच्चे और उनकी मां शामिल थीं.

तालिबान की ‘न्याय’ व्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना

तालिबान ने एक बार फिर 1990 के दशक की तरह कड़ी शरीयत व्यवस्था लागू कर दी है, जिसमें सार्वजनिक फांसी, कोड़े मारना और अन्य शारीरिक दंड शामिल हैं. मानवाधिकार संगठनों ने तालिबान की न्याय प्रक्रिया को अपारदर्शी और अनुचित बताते हुए इसकी आलोचना की है. यूएन के रिचर्ड बेनेट ने कहा कि सार्वजनिक रूप से फांसी देना अमानवीय, क्रूर और असामान्य सजा है तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून के विपरीत है. उन्होंने तालिबान से तत्काल ऐसी सजाओं को रोकने की अपील की.

calender
03 December 2025, 08:23 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag